Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जंग तेज होती नजर आ रही है। रविवार को यूक्रेन ने रूस के पांच एयरबेस पर हमले किए। इस हमले के बाद दोनों देशों के बीच चल रहा तनाव और बढ़ता नजर आ रहा हैं। वहीं जंग के इस महौल के बीच आज दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों के बीच इस्तांबुल में दूसरे दौर की बातचीत एक घंटे से अधिक समय तक चली। इस बैठक में एक बार फिर यूक्रेन ने बिना 30 दिनों के सीज़फायर का प्रस्ताव रखा, जिसे रूस की तरफ से नकार दिया गया। यूक्रेन ने एक बार फिर रूस पर युद्ध को लंबा खींचने का आरोप लगाया।
दोनों देशों की बीच हुई बातचीत
दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद यूक्रेन के प्रतिनिधि सर्जी किस्लित्स्या ने बताया कि रूस अभी भी बिना किसी शर्त के युद्ध रोकने के प्रस्ताव को स्वीकार करने को तैयार नहीं है। इसके साथ ही, रूस ने एक शांति प्रस्ताव भी रखा जिसमें उसने मांग की कि क्रीमिया, डोनबास, खेरसॉन और ज़ापोरोज़े को रूसी क्षेत्र के तौर पर अंतरराष्ट्रीय मान्यता दी जाए। रूस ने शांति वार्ता के दौरान कुछ शर्तें रखीं। उसने कहा कि यूक्रेन नाजी विचारधारा और प्रचार पर रोक लगाए, नाटो या किसी भी सैन्य संगठन से दूर रहे, हाल ही में जो क्षेत्र रूस ने कब्ज़ा किए हैं वहां से यूक्रेनी सेना हटे और राष्ट्रीय चुनाव कराए जाएं।
इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि दोनों देश कैदियों की अदला-बदली पर काम कर रहे हैं। उनके चीफ ऑफ स्टाफ के अनुसार, यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल ने रूस को जबरन ले जाए गए यूक्रेनी बच्चों की एक सूची सौंपी है, जिन्हें यूक्रेन वापस लाना चाहता है। यह वार्ता तुर्की की मध्यस्थता में हुई और यह दूसरा दौर था। इससे पहले 16 मई को पहली बैठक हुई थी, जो दो घंटे चली थी। उस बैठक में कैदियों की अदला-बदली पर सहमति बनी थी, लेकिन युद्ध रोकने को लेकर कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका था।
यूक्रेन द्वारा यह कहे जाने के बाद कि रूस ने "बिना शर्त युद्ध विराम" के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, रूस के मुख्य वार्ताकार व्लादिमीर मेडिंस्की ने कहा कि मास्को ने इस्तांबुल में हुई वार्ता के दौरान एक सीमित युद्ध विराम का प्रस्ताव दिया था। मेडिंस्की ने बताया, "हमने कुछ खास इलाकों में दो से तीन दिनों का युद्ध विराम देने की पेशकश की है," ताकि सेना के कमांडर अपने सैनिकों के शवों को सुरक्षित रूप से इकट्ठा कर सकें। यह प्रस्ताव केवल कुछ सीमित मोर्चों पर लागू करने की बात थी, ना कि पूरे युद्ध को रोकने की।
यूक्रेन ने रूस के साथ शांति वार्ता का अगला दौर जून के अंत से पहले आयोजित करने का प्रस्ताव दिया है। यूक्रेनी रक्षा मंत्री रुस्तम उमरोव ने सोमवार को इस्तांबुल में हुई बातचीत के बाद कहा, "हम रूसी पक्ष को इस महीने के अंत तक, 20 से 30 जून के बीच किसी भी दिन बैठक करने का प्रस्ताव देते हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों को राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की और व्लादिमीर पुतिन के बीच सीधी बैठक करवाने की दिशा में प्रयास करने चाहिए। गौरतलब है कि ज़ेलेंस्की ने पिछले महीने ही पुतिन को इस्तांबुल में आमने-सामने बात करने की चुनौती दी थी, जब रूस ने 30 दिनों के युद्धविराम के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।
जैसे ही इस्तांबुल में शांति वार्ता शुरू हुई, रूस में तनाव बढ़ने लगा। कई प्रमुख रूसी युद्ध ब्लॉगर्स ने सरकार से यूक्रेन पर जबरदस्त जवाबी हमला करने की मांग की। यह अपील रविवार को हुए एक बड़े हमले के बाद आई, जिसमें साइबेरिया समेत रूस के कई हिस्सों में परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम रूसी बमवर्षकों को निशाना बनाया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये हमले यूक्रेन से 7,000 किलोमीटर दूर रूस के आर्कटिक, साइबेरिया और सुदूर पूर्वी ठिकानों पर किए गए थे।
यूक्रेनी संसद की सदस्य कीरा रुडिक ने इस ड्रोन हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "40 रूसी जेट विमानों का तबाह होना कोई इत्तेफाक नहीं है। रूस हमें लगातार 500 से ज्यादा ड्रोन और मिसाइलों से निशाना बनाता है – अब समय आ गया है कि हालात पलटें।" उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर दावा किया कि इस हमले से रूस को करीब 2 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है, जो अब तक का सबसे महंगा हवाई हमला माना जा रहा है।