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Saudi-Pakistan Defence Pact: भारत ने हमला किया तो पाकिस्तान की मदद करेगा सऊदी अरब? रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का बड़ा दावा

Saudi-Pakistan Defence Pact: सऊदी अरब और पाकिस्तान ने एक डिफेंस डील पर सिग्नेचर किए हैं। इसके अनुसार उनमें से किसी भी देश पर किसी भी हमले को दोनों के खिलाफ आक्रमण माना जाएगा। यह समझौता कतर में हमास नेतृत्व पर इजरायली हमले के कुछ दिनों बाद हुआ है, जो खाड़ी क्षेत्र में अमेरिका का एक प्रमुख सहयोगी है

अपडेटेड Sep 20, 2025 पर 12:21 PM
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Saudi-Pakistan Defence Pact: सऊदी के साथ रक्षा समझौते के बाद पाकिस्तान अब अपने आपको ग्लोबल लीडर के तौर पर पेश कर रहा है

Saudi-Pakistan Defence Pact: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक इंटरव्यू में संकेत दिया है कि अगर भारत के साथ सैन्य तनाव बढ़ता है तो सऊदी अरब की सेनाए भी इसमें शामिल हो सकती हैं। जब आसिफ से पूछा गया कि क्या सऊदी अरब की सेनाए भारत के साथ संघर्ष में पाकिस्तान का साथ देंगी? तो उन्होंने जवाब दिया, "जी बिलकुल, इसमें कोई शक नहीं है।" ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि उनके मुल्क और सऊदी अरब के बीच आपसी रक्षा समझौते में अन्य अरब देशों के शामिल होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकताउन्होंने कहा कि इस तरह के घटनाक्रम के लिए दरवाजे बंद नहीं हैं

पाकिस्तान और सऊदी अरब ने बुधवार को एक रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैंसके अनुसार उनमें से किसी भी देश पर किसी भी हमले को दोनों के खिलाफ आक्रमण माना जागाएक संयुक्त बयान के अनुसार, इस समझौते पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने बुधवार को पाकिस्तानी नेता की खाड़ी देश की एक दिवसीय यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए

यह समझौता कतर में हमास नेतृत्व पर इजराली हमले के कुछ दिनों बाद हुआ है, जो खाड़ी क्षेत्र में अमेरिका का एक प्रमुख सहयोगी हैरक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने और अरब देशों के इस समझौते का हिस्सा बनने की संभावना पर एक सवाल पर कहा, "मैं इसका अभी जवाब नहीं दे सकता लेकिन इतना अवश्य कहूंगा कि दरवाज़े बंद नहीं हैं"


'जियो न्यूज' को दिए एक इंटरव्यू में आसिफ ने कहा था कि वह हमेशा से नाटो जैसे समझौते की वकालत करते रहे हैं, क्योंकि पाकिस्तान के लिए खतरे की स्थिति अधिक रही हैउन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि यहां के देशों और लोगों, विशेष रूप से मुस्लिम आबादी का यह मौलिक अधिकार है कि वे मिलकर अपने क्षेत्र और राष्ट्रों की रक्षा करें"

क्या भारत के खिलाफ खड़ा होगा सऊदी?

उन्होंने बताया कि इस समझौते में ऐसी कोई धारा नहीं है जो किसी अन्य राष्ट्र को शामिल होने से रोकती हो या पाकिस्तान को किसी और के साथ ऐसा ही समझौता करने से रोकती होउनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान की परमाणु संपत्ति भी इस समझौते के तहत उपलब्ध होगी? इस पर आसिफ ने कहा, "हमारे पास जो क्षमताएं हैं, वे निश्चित रूप से इस समझौते के अंतर्गत उपलब्ध होंगी"

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा अपनी परमाणु सुविधाएं निरीक्षण के लिए उपलब्ध कराई हैं और कभी कोई उल्लंघन नहीं किया यह पूछे जाने पर कि क्या किसी एक देश पर हमला होने पर दूसरा देश उसकी रक्षा में शामिल होगा, इस पर रक्षा मंत्री ने कहा, "हां, बिल्कुलइसमें कोई संदेह नहीं है"

आसिफ ने कहा कि यह कोई आक्रामक समझौता नहीं बल्कि नाटो जैसी एक रक्षात्मक व्यवस्था है उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लंबे समय से सऊदी बलों को ट्रेनिंग देता रहा हैहालिया घटनाक्रम केवल उसका औपचारिक विस्तार है

उन्होंने कहा, "यदि कोई आक्रमण होगा, चाहे वह सऊदी अरब पर हो या पाकिस्तान पर, तो हम उसका संयुक्त रूप से मुकाबला करेंगे" आसिफ ने बताया कि पाकिस्तान की बड़ी सैन्य और वायु सेना की टुकड़ी दशकों से सऊदी अरब में मौजूद रही है

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उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि उस (पहले से मौजूद) संबंध को अब और परिभाषित किया गया है और उस समझ को एक रक्षा समझौते का रूप दिया गया है" भारत में इस समझौते पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर इस समझौते के प्रभावों का अध्ययन करेगा

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