Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को चीन के साथ 'ग्रेट रिलेशनशिप' होने की बात कही। हालांकि उसी दौरान ये चेतावनी भी दी कि अगर उन्होंने अपने स्पेशल 'कार्ड' का इस्तेमाल किया, तो वह चीन को 'तबाह' कर सकते हैं। इसके साथ ही दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे मायुंग के साथ एक द्विपक्षीय बैठक से पहले ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बात करते हुए, ट्रंप ने कहा कि व्यापारिक मोर्चे पर वाशिंगटन की स्थिति बीजिंग से कहीं ज्यादा मजबूत है।
प्रेस से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा, 'चीन के साथ हमारे महान संबंध होने जा रहे हैं..., हालांकि हमारे पास अविश्वसनीय कार्ड हैं, लेकिन मैं उन कार्डों को नहीं खेलना चाहता। अगर मैं उन कार्डों को खेलता हूं, तो इससे चीन तबाह हो जाएगा।' फॉक्स न्यूज के अनुसार, यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रंप का 'कार्ड्स' से क्या मतलब था- क्या वह आर्थिक ताकत, राजनीतिक प्रभाव, या किसी अन्य कारक की ओर इशारा कर रहे थे। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने हाल ही में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात की थी और व्यापार वार्ता जारी रहने पर उनसे मिलने के लिए चीन की संभावित यात्रा पर विचार कर रहे हैं।
दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति को लेकर भी है विवाद
ट्रंप ने खासतौर पर चीन की दुर्लभ खनिजों की नीति को भी निशाने पर लिया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर चीन अमेरिका को मैग्नेट की आपूर्ति जारी नहीं रखता है, तो 'हमें उन पर 200% टैरिफ या कुछ और लगाना होगा।' रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल में चीन ने जवाबी कार्रवाई के रूप में दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर प्रतिबंध कड़े कर दिए थे।
ट्रंप ने चीन पर एक साल में 145% तक बढ़ाया टैरिफ!
पिछले एक साल में ट्रंप ने सभी चीनी सामानों पर टैरिफ बढ़ाया है, जो अप्रैल में 145% के उच्च स्तर पर पहुंच गया था। हालांकि, उन्होंने बाद में इसे कम करके अधिकांश आयातों पर 30% कर दिया। इसके जवाब में चीन ने अमेरिकी उत्पादों पर 10% टैरिफ लगा रखा है। ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने चीन के साथ ट्रेड वार्ता के दौरान ईरान और रूस से तेल आयात को एक और विवाद का विषय बताया था। बेसेंट ने कहा कि अमेरिका का लक्ष्य चीन को दुनिया के मैन्युफैक्चरिंग महाशक्ति के रूप में अपनी स्थिति कम करने और वैश्विक आयातक के रूप में अपनी भूमिका बढ़ाने के लिए प्रेरित करना है।