India vs US in Tariff War: स्टील और अलुमिनम पर अमेरिकी टैरिफ को भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WTO) में चुनौती दी थी और अब इस पर अमेरिका ने सफाई दी है। अमेरिका ने डब्ल्यूटीओ से कहा कि इसने स्टील और अलुमिनम के आयात पर जो शुल्क लगाए हैं, वह सुरक्षा उपाय यानी सेफगार्ड मेजर के तौर पर नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से लगाए गए हैं। अमेरिका का यह स्पष्ट अंतर हाल ही में भारत की तरफ से औचपाचिरक तौर पर दायर एक कारोबारी शिकायत के खिलाफ सीधे प्रतिक्रिया के तौर पर आया है।
'टैरिफ कैसे भी लगे, काम करते हैं सेफगार्ड मेजर्स के तौर पर'
भारत ने 11 अप्रैल को औपचारिक रूप से अमेरिका से टैरिफ को लेकर विचार-विमर्श का अनुरोध किया था। भारत ने इस मामले में तर्क दिया गया था कि टैरिफ को जिस भी तरह से लेबल किया जाए यानी कि चाहे इसे सुरक्षा कारणों के नाम से ही लाया जाए लेकिन काम ये सेफगार्ड मेजर्स के तौर पर करते हैं। भारत के मुताबिक इस प्रकार के फैसलों के लिए डब्ल्यूटीओ को औपचारिक तौर पर सूचना भेजनी होती है और विचार-विमर्श का मौका भी देना होता है। भारत के मुताबिक डब्ल्यूटीओ की सेफगार्ड कमेटी को टैरिफ को लेकर जानकारी भेजने में अमेरिका नाकाम रहा जबकि सेफगार्ड्स से जुड़े एग्रीमेंट के तहत ऐसा जरूरी है।
आरोपों पर अमेरिका की ये है प्रतिक्रिया
अमेरिका ने 17 अप्रैल की तारीख में सफाई दी कि स्टील और अलुमिनम पर सेक्शन 232 के तहत टैरिफ लगाया गया है। यह सेक्शन राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है और ऐसे में जनरल एग्रीमेंट ऑन टैरिफ्स एंड ट्रेड (GATT) 1944 के सिक्योरिटी एग्जेम्प्शन क्लॉज के तहत इन्हें सुरक्षा मिली हुई है। इस क्लॉज के तहत देशों को अपनी सिक्योरिटी के लिए जरूरी कदम उठाने की मंजूरी मिलती है।