अमेरिकी सरकार के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने एक बार फिर रूस-यूक्रेन युद्ध जारी रहने के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि रूस के लिए भारत पैसे के लिहाज से लाउंड्री का काम कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इंडिया पर 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा। अमेरिकी सरकार के एडवाइजर का यह बयान ऐसे समय आया है, जब भारत और रूस आर्थिक और रक्षा संबंधों को मजबूत बनाने के लिए बातचीत कर रहे हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस की यात्रा पर हैं। 21 अगस्त को उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की।
नवारो को डोनाल्ड ट्रंप का करीबी माना जाता है
Peter Navarro को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का करीबी माना जाता है। उन्होंने कहा कि यह कहना बेतुका है कि इंडिया को रूस के ऑयल की जरूरत है। उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि इंडिया कत्लेआम में अपनी भूमिका को स्वीकार नहीं करना चाहता। वह इसके लिए तैयार नहीं है। वह शी जिनपिंग से रिश्ते बढ़ा रहा है।" उन्होंने इंडिया पर तेल की रिफाइनिंग से फायदा कमाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इंडिया को रूस से ऑयल का इंपोर्ट करने की जरूरत ही नहीं है।
भारत पर रूस से तेल खरीद मुनाफा कमाने का आरोप
नवारों ने कहा, "यह इंडिया के लिए रिफाइनिंग से मुनाफा कमाने वाली स्कीम है। यह रूस के लिए लाउंड्री की तरह है। यह मामले की सच्चाई है।" हालांकि, उन्होंने इंडिया की लीडरशिप की तारीफ कर मामले को कुछ संभालने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि शांति का रास्ता भारत से होकर जाता है। उन्होंने कहा, "मैं इंडिया से मोहब्बत करता हूं। मोदी एक महान नेता हैं। लेकिन, कृपया, कृपया इंडिया को यह देखना चाहिए कि ग्लोबल इकोनॉमी में उसकी भूमिका क्या है। आप अभी जो कर रहे हैं, उससे शांति नहीं आने वाली, इससे युद्ध का आग भड़क रही है।"
27 अगस्त से इंडिया पर लागू होगा अतिरिक्त टैरिफ
उन्होंने कहा, "आज से सिर्फ छह दिन बाद, आप देखेंगे और मैं देखूंगा कि इंडिया पर अतिरिक्त टैरिफ (27 अगस्त) लागू होगा। इंडिया कत्लेआम में अपनी भूमिका को स्वीकार नहीं करना चाहता।" उन्होंने इंडिया के बारे में कहा कि वहां टैरिफ काफी ज्यादा है। उन्होंने इसे महाराज टैरिफ नाम दिया। उन्होंने इंडिया के साथ अमेरिका के ट्रेड डिफिसिट का भी जिक्र किया। इसका खराब असर अमेरिकी वर्कर्स पर पड़ता है। अमेरिकी बिजनेस को चोट लगती है। उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका को माल बेचता है, इससे मिले पैसे से रूस से तेल खरीदता है। रिफाइनिंग के बाद इसका एक्सपोर्ट करता है, जिससे उसकी काफी कमाई होती है।