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Mehul Choksi Extradition: 'मेहुल चोकसी को भारत भेजने में कोई बाधा नहीं'; भगोड़े हीरा कारोबारी को बेल्जियम कोर्ट से बड़ा झटका

Mehul Choksi Extradition: बेल्जियम की एक अदालत ने 17 अक्तूबर को भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी। अदालत ने यह फैसला भारत के अनुरोध पर बेल्जियम के अधिकारियों द्वारा की गई उसकी गिरफ्तारी को वैध ठहराते हुए सुनाया। अब कोर्ट ने कहा है कि चोकसी को भारत भेजने में अब कोई बाधा नहीं है

अपडेटेड Oct 22, 2025 पर 2:20 PM
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PNB में 13,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला सामने आने से कुछ हफ्ते पहले ही मेहुल चोकसी जनवरी 2018 में भारत से फरार हो गया था

Mehul Choksi Extradition: भगोड़े हीरा व्यापारी और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी को भारत लाने का रास्ता अब साफ हो गया है। बेल्जियम की अदालत ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है मेहुल चोकसी को भारत वापस भेजने में कोई बाधा नहीं है। अदालत ने बुधवार (22 अक्टूबर) को मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि चोकसी के भारत प्रत्यर्पण में कोई कानूनी बाधा नहीं है। एंटवर्प की एक बेल्जियम अदालत ने 17 अक्टूबर को 13,500 करोड़ रुपये के PNB धोखाधड़ी मामले में मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी।

अदालत ने बेल्जियम के अधिकारियों द्वारा अप्रैल में उसकी गिरफ्तारी की वैधता को बरकरार रखा है। अदालत ने यह फैसला भारत के अनुरोध पर बेल्जियम के अधिकारियों द्वारा की गई उसकी गिरफ्तारी को वैध ठहराते हुए सुनाया। यह फैसला भारत के लिए एक बड़ी जीत माना जा रहा है, क्योंकि अदालत ने चोकसी की गिरफ्तारी को सही ठहराया है।

अब आगे क्या?


मामला अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है, क्योंकि चोकसी के पास एंटवर्प (बेल्जियम) की अदालत के इस फैसले के खिलाफ बेल्जियम की हाई कोर्ट में अपील करने का विकल्प मौजूद है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "आदेश हमारे पक्ष में आया है। अदालत ने भारत के अनुरोध पर बेल्जियम के अधिकारियों द्वारा की गई उसकी गिरफ्तारी को वैध करार दिया है। अब उसे भारत लाने की कानूनी प्रक्रिया का पहला चरण स्पष्ट हो गया है"

बेल्जियम के अभियोजकों को भारत के विदेश मंत्रालय और सीबीआई (केंद्रीय जां ब्यूरो) अधिकारियों का पूरा सहयोग मिला। उन्होंने अदालत में यह दलील मजबूती से रखी कि चोकसी ने अपने नजदीकी रिश्तेदार नीरव मोदी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के करीब 13,000 करोड़ रुपये का घोटाला किया है।

अधिकारियों ने बताया कि अभियोजकों ने अदालत को यह भी बताया कि चोकसी के फरार होने का खतरा है, इसलिए उसे जेल से रिहा नहीं किया जा सकता। सितंबर के मध्य में हुई सुनवाई में बेल्जियम के अभियोजकों और चोकसी के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद, अदालत ने फैसला दिया कि उसकी गिरफ्तारी वैध थी।

11 अप्रैल को हुआ था गिरफ्तार

अधिकारियों ने बताया कि 66 वर्षीय चोकसी को सीबीआई के प्रत्यर्पण अनुरोध के आधार पर 11 अप्रैल को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था। उसकी जमानत याचिकाएं वहां की विभिन्न अदालतों द्वारा खारिज कर दी गई हैं। भारत ने बेल्जियम के अधिकारियों को यह भी भरोसा दिलाया है कि अगर चोकसी को वहां से प्रत्यर्पित किया जाता है, तो उसे मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक संख्या 12 में रखा जाएगा।

मंत्रालय ने चार सितंबर को एक पत्र के माध्यम से बेल्जियम के अधिकारियों को सूचित किया कि जेल के बैरक संख्या 12 में प्रत्येक कैदी के लिए रहने का स्थान सजा के दौरान यातना की रोकथाम से संबंधित यूरोप की एक समिति की आवश्यकताओं के अनुरूप है। चोकसी धोखाधड़ी करके एंटीगुआ और बारबुडा भाग गया था। घोटाले का खुलासा होने से महीनों पहले उसने वहां की नागरिकता ले ली थी।

मेहुल चोकसी के बेल्जियम में पकड़े जाने के बाद सीबीआई, विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी ताकि उसे भारत लाकर उसपर मुकदमा चलाया जा सके। गृह मंत्रालय के पत्र में कहा गया है कि जिस कोठरी में चोकसी को कैद रखा जाएगा, वह लगभग 20 फुट लंबी और 15 फुट चौड़ी है। इसमें अलग शौचालय एवं वाशरूम है। पत्र में बताया गया है कि छत की ऊंचाई लगभग 15 फुट है, जिसमें तीन खिड़कियां, पांच ऊपरी वेंटिलेटर और एक ग्रिल वाला मुख्य दरवाजा है।

क्या है आरोप?

अधिकारियों ने बताया कि चोकसी और उसका नजदीकी रिश्तेदार नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक के 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में वांछित हैं। उन्होंने इस धोखाधड़ी को पीएनबी की मुंबई स्थित ब्रैडी हाउस शाखा के कुछ बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से कथित तौर पर फर्जी गारंटी पत्र के जरिए अंजाम दिया था। भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित नीरव मोदी 2019 से लंदन की जेल में बंद है।

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