US Hyundai Raid: इतिहास की सबसे बड़ी रेड, 300 कोरियन गिरफ्तार, अमेरिका से अपने लोगों को वापस बुला रहा साउथ कोरिया!
होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन (HSI) के अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार लोगों में ज्यादातर कोरियाई नागरिक थे। हालांकि, कुछ दूसरे देशों से भी थे। अधिकारियों के अनुसार, इनमें से कुछ लोग गैरकानूनी तरीके से अमेरिका में दाखिल हुए थे, कुछ वीजा की समय सीमा खत्म होने के बाद भी रुके रहे और कुछ टूरिस्ट या बिजनेस वीजा पर आए थे, जिनमें काम करने की अनुमति नहीं होती
US Hyundai Raid: इतिहास की सबसे बड़ी रेड, 300 कोरियन गिरफ्तार
जॉर्जिया के एक छोटे से कस्बे एलाबेल को देखकर कोई अंदाजा नहीं लगा सकता यहां एक बड़ा ऑटोमोबाइल कॉम्प्लेक्स है। ओगीची नदी पर कैनोइंग करने या ब्लैक क्रीक गोल्फ क्लब में गोल्फ खेलने के लिए ये कस्बा ज्यादा जाना जाता है। पिछले हफ्ते तक इसकी सबसे बड़ी पहचान यह थी कि यहां हुंडई का पहला फुली इलेक्ट्रिक व्हीकल और बैटरी मैन्युफैक्चरिंग कैंपस बनाया जा रहा है, जिससे 8,500 नौकरियां आने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था बदलने का वादा किया गया था।
लेकिन यह कहानी तब बदल गई जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की सबसे बड़ी इमिग्रेशन रेड इस कॉम्प्लेक्स पड़ी, जिसमें करीब 500 फेडरल, स्टेट और लोकल अधिकारियों ने Hyundai–LG बैटरी प्लांट की साइट पर छापा मारा और 475 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन (HSI) के अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार लोगों में ज्यादातर कोरियाई नागरिक थे। हालांकि, कुछ दूसरे देशों से भी थे। अधिकारियों के अनुसार, इनमें से कुछ लोग गैरकानूनी तरीके से अमेरिका में दाखिल हुए थे, कुछ वीजा की समय सीमा खत्म होने के बाद भी रुके रहे और कुछ टूरिस्ट या बिजनेस वीजा पर आए थे, जिनमें काम करने की अनुमति नहीं होती।
मास्क पहने और हथियारों से लैस सुरक्षा कर्मी पूरे परिसर में फैल गए। उन्होंने वहां काम कर रहे मजदूरों को दीवार के पास खड़ा होने का आदेश दिया, डेट ऑफ बर्थ और सोशल सिक्योरिटी नंबर मांगे और फिर छांटना शुरू किया कि किसे छोड़ना है और किसे यहां 100 मील दूर फॉक्सटन ICE प्रोसेसिंग सेंटर ले जाने वाली बसों में बैठाना है।
मजदूरों ने उस माहौल को “जंग का मैदान” बताया। एक शख्स पकड़ने से बचने के लिए एयर डक्ट में छिप गया। कुछ लोग गंदे पानी के तालाब में कूदकर भागने की कोशिश करने लगे, लेकिन एजेंट नाव लेकर पहुंचे और उन्हें बाहर निकाला।
बाद में उन्होंने आरोप लगाया कि एक आदमी ने नाव पलटने की कोशिश की। दिन खत्म होने तक सैकड़ों लोग हिरासत में लिए गए और 2,900 एकड़ में फैली साइट पर निर्माण का काम पूरी तरह रुक गया।
वहीं दक्षिण कोरियाई सरकार ने सोमवार को कहा कि वह अपने सैकड़ों नागरिकों की स्वेच्छा से अमेरिका से वापसी की व्यवस्था कर रही है। ये लोग जॉर्जिया में हुंडई फैक्ट्री पर हुई इमिग्रेशन छापेमारी में हिरासत में लिए गए थे। इस घटना ने अमेरिका और उसके अहम सहयोगी दक्षिण कोरिया के रिश्तों में तनाव पैदा कर दिया है।
दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहा है, ताकि उसके हिरासत में लिए गए नागरिकों की जल्द से जल्द वापसी हो सके।
दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बैकग्राउंड ब्रीफिंग में कहा, “हम तब तक अपनी सतर्कता कम नहीं करेंगे, जब तक हमारे हर एक नागरिक की सुरक्षित वापसी नहीं हो जाती।”
दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चो ह्यून ने सोमवार को सांसदों से कहा, “मैं यह साफ कर दूं कि अगर फैक्ट्री के निर्माण में देरी होती है, तो अमेरिका को भी भारी नुकसान झेलना पड़ेगा।”
Hyundai का ये कॉम्प्लेक्स अभी पूरी तरह से बना नहीं है। ये करीब 65000 करोड़ का प्रोजेक्ट था और जिन 8,500 स्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति होनी है, उनमें से बहुत कम ही भर्ती किए गए हैं। मौजूदा वर्कफोर्स का ज्यादातर हिस्सा अस्थायी है यानी ऐसे कुंवारे पुरुष जो अस्थायी वीजा या कॉन्ट्रैक्ट पर कुछ महीनों के लिए काम करने आते हैं और फिर चले जाते हैं।
अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि यह छापेमारी, जो ट्रंप प्रशासन की प्रवासियों पर बढ़ती कार्रवाई का हिस्सा थी, डिपार्टमेंट ऑफ होललैंड सिक्योरिटी के इतिहास में सबसे बड़ा सिंगल साइट ऑपरेशन था।
इस छापेमारी ने दक्षिण कोरिया में कड़ा आक्रोश पैदा किया है। एक सांसद ने इसे "मुंह पर तमाचा" बताया, क्योंकि सियोल ने अमेरिका के साथ टैरिफ बातचीत के तहत अमेरिकी उद्योगों में 500 अरब डॉलर निवेश करने का वादा किया था, जिसमें केवल Hyundai की ओर से 26 अरब डॉलर शामिल हैं।
दूसरे नेताओं ने कहा कि यह घटना अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच गहरे कारोबारी संबंधों को कमजोर कर सकती है, क्योंकि साउथ कोरिया ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर का दिग्गज है और उसकी दुनिया भर में मांग है।
रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस घटना से अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संबंधों पर असर पड़ने की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा, “हमारे दक्षिण कोरिया के साथ बेहतरीन रिश्ते हैं।”
ट्रंप ने आगे कहा, “ICE ने सही किया, क्योंकि वे यहां अवैध रूप से थे। लेकिन हमें ऐसा समाधान निकालना होगा, जिससे हम विशेषज्ञों को यहां ला सकें, ताकि हमारे लोग ट्रेंड हो सकें और खुद काम कर सकें।”
ट्रुथ सोशल पर पोस्ट में उन्होंने विदेशी कंपनियों से अपील की कि वे अमेरिका के इमिग्रेशन कानूनों का सम्मान करें। ट्रंप ने लिखा, “आपके निवेश का स्वागत है। हम आपको प्रोत्साहित करते हैं कि आप अपने बेहद प्रतिभाशाली और टेक एक्सपर्ट लोगों को कानूनी तरीके से लाएं ताकि वे वर्ल्ड क्लास प्रोडक्ट बना सकें। हम इसे जल्दी और कानूनी रूप से संभव करेंगे। लेकिन बदले में हम बस यही चाहते हैं कि आप अमेरिकी कर्मचारियों को नौकरी दें और उन्हें ट्रेंड करें।”
इस बीच, दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि दोनों देश इस घटना के जल्द समाधान के लिए “सभी चैनलों के जरिए बातचीत” कर रहे हैं। विदेश मंत्री चो ह्यू सोमवार दोपहर अमेरिका रवाना होने वाले थे, ताकि इस मुद्दे को जल्द से जल्द निपटाया जा सके।
दक्षिण कोरियाई अधिकारी ने कहा कि यह अभी साफ नहीं है कि हिरासत में लिए गए नागरिक कब तक स्वदेश लौट पाएंगे, क्योंकि इसके लिए कई प्रक्रियाएं पूरी करनी होंगी- जैसे चार्टर फ्लाइट की व्यवस्था करना, उनकी पहचान की पुष्टि करना, अपनी इच्छा से लौटने की सहमति लेना और उन्हें एयरपोर्ट तक पहुंचाना।
उन्होंने बताया, “ये सब काम एक दिन में संभव नहीं हैं, लेकिन हम इन्हें जल्दी पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।”
अधिकारी ने यह भी कहा कि हमारा मकसद है कि सभी दक्षिण कोरियाई नागरिक चार्टर फ्लाइट से वापस लौटें, “लेकिन अगर कोई व्यक्ति नहीं लौटना चाहता और कानूनी कार्यवाही करना चाहता है, तो हमें उस फैसले का भी सम्मान करना होगा।”