क्या और कौनसे हैं वो थर्ड वर्ल्ड देश? जहां से आने वालों को रोकना चाहते हैं राष्ट्रपति ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप यह भी कहा कि वे “बाइडेन की तरफ से की गई लाखों गैरकानूनी एंट्रियों” को खत्म करना चाहते हैं। ट्रंप के अनुसार, ऐसे सभी लोगों को हटाया जाना चाहिए जो “अमेरिका के लिए उपयोगी नहीं हैं या देश से प्यार नहीं कर सकते

अपडेटेड Nov 28, 2025 पर 4:30 PM
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क्या हैं थर्ड वर्ल्ड देश? जहां से आने वालों को रोकना चाहते हैं राष्ट्रपति ट्रंप

अफगान मूल के एक शख्स की तरफ से वॉशिंगटन में दो नेशनल गार्ड सैनिकों पर गोली चलाने की घटना के एक दिन बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वे “थर्ड वर्ल्ड देशों” से आने वाले माइग्रेशन को रोकने की योजना बना रहे हैं। ट्रंप ने Truth Social पर पोस्ट करते हुए कहा कि अमेरिका भले ही तकनीकी रूप से आगे बढ़ा हो, लेकिन मौजूदा इमिग्रेशन नीति ने “इन उपलब्धियों को नुकसान पहुंचाया है।” उनके मुताबिक, “सभी थर्ड वर्ल्ड देशों” से माइग्रेशन को रोक देना चाहिए, ताकि अमेरिका की व्यवस्था “पूरी तरह से ठीक हो सके।”

उन्होंने यह भी कहा कि वे “बाइडेन की तरफ से की गई लाखों गैरकानूनी एंट्रियों” को खत्म करना चाहते हैं। ट्रंप के अनुसार, ऐसे सभी लोगों को हटाया जाना चाहिए जो “अमेरिका के लिए उपयोगी नहीं हैं या देश से प्यार नहीं कर सकते।”

ट्रंप ने यह भी कहा कि कोई भी व्यक्ति जो “पब्लिक चार्ज, सुरक्षा जोखिम, या वेस्टर्न सिविलाइजेशन के अनुकूल नहीं है”, उसे देश से बाहर किया जाना चाहिए।


“थर्ड वर्ल्ड” शब्द आया कहां से?

“फर्स्ट वर्ल्ड, सेकेंड वर्ल्ड और थर्ड वर्ल्ड” जैसे शब्दों की शुरुआत कोल्ड वॉर के दौर में हुई थी। उस समय दुनिया तीन हिस्सों में बंटी थी:

  • फर्स्ट वर्ल्ड- अमेरिका और उसके सहयोगी विकसित लोकतांत्रिक देश
  • सेकेंड वर्ल्ड- सोवियत संघ और कम्युनिस्ट देश
  • थर्ड वर्ल्ड- बाकी सभी देश, खासकर एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के गरीब और विकासशील राष्ट्र

हालांकि आज यह शब्द पुराना और असंवेदनशील माना जाता है।

फर्स्ट वर्ल्ड में कौन थे?

अमेरिका, कनाडा, पश्चिमी यूरोपीय देश, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया आदि। कुछ अफ्रीकी क्षेत्र भी इसमें शामिल किए गए थे, क्योंकि वे पश्चिमी नियंत्रण में थे, जैसे दक्षिण अफ्रीका (अपार्थाइड शासन), वेस्टर्न सहारा (स्पेन के अधीन) आदि।

सेकेंड वर्ल्ड

सोवियत संघ, पूर्वी यूरोप के देश, और चीन से जुड़े कम्युनिस्ट देश जैसे मंगोलिया, उत्तर कोरिया, वियतनाम, लाओस, कंबोडिया।

थर्ड वर्ल्ड

बाकी सभी देश-ज्यादातर कृषि-आधारित और कम विकसित।

ट्रंप की माइग्रेशन पर सख्ती जारी

ट्रंप प्रशासन ने 28 नवंबर को कहा कि वे अफगानिस्तान और अन्य 18 देशों से आए सभी ग्रीन कार्ड धारकों की जांच करेंगे।

USCIS (यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज) के निदेशक जोसेफ एडलो ने X पर लिखा: “राष्ट्रपति के निर्देश पर, मैं उन सभी ग्रीन कार्ड्स की कड़ी जांच शुरू कर रहा हूं जो ‘कंसर्न वाले देशों’ से आए लोगों को जारी किए गए हैं।”

USCIS के मुताबिक यह सूची ट्रंप के जून 2025 के आदेश में तय की गई थी, जिसमें 19 देशों को “कंसर्न वाले देश” बताया गया है।

किन देशों को ‘Identified Concern’ में रखा गया?

पूरी तरह प्रतिबंधित 12 देश:

  • अफगानिस्तान
  • म्यांमा
  • चाड
  • कांगो-ब्राजाविल
  • इक्वेटोरियल गिनी
  • इरीट्रिया
  • हैती
  • ईरान
  • लीबिया
  • सोमालिया
  • सूडान
  • यमन

आंशिक प्रतिबंध वाले 7 देश:

  • बुरुंडी
  • क्यूबा
  • लाओस
  • सिएरा लियोन
  • टोगो
  • तुर्कमेनिस्तान
  • वेनेजुएला

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