Binance ने गर्व से 21 नवंबर, 2019 को ऐलान किया था कि उसने WazirX का अधिग्रहण कर लिया है। उसने एक ब्लॉग पोस्ट में यह ऐलान किया था। अब Binance के सीईओ Changpeng Zhao ने दोनों पक्षों के बीच हुई डील के एग्रीमेंट से पीछे हटने का ऐलान कर WazirX के साथ ही ग्लोबल कम्युनिटी को हैरान कर दिया है।
वजीरएक्स के फाउंडर निश्चल शेट्टी और बिनांस के सीईओ झाओ के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। इस बीच इनवेस्टर्स कुछ सवालों को लेकर परेशान हैं। वे जानना चाहते हैं कि WazirX की ओनरशिप किसके पास है और अब उनके क्रिप्टो और फिएट होल्डिंग्स पर क्या असर पड़ेगा।
Binance और WazirX के बीच कनेक्शन
नवंबर 2019 में एक ब्लॉग पोस्ट में इस बात का ऐलान किया गया था कि Binance ने WazirX का अधिग्रहण कर लिया है। इसमें यह भी बताया गया था कि कैसे अब प्लेटफॉर्म के यूजर्स इंडियन रुपया से क्रिप्टो करेंसीज खरीद सकेंगे, Tether (USDT) जैसे स्टेबल कॉइन में इनवेस्ट कर सकेंगे और Binance के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के जरिए क्रिप्टोकरेंसी की पूरी रेंज तक पहुंच हासिल कर सकेंगे। इस ब्लॉग पोस्ट में एक ग्रुप फोटोग्राफ भी था, जिसमें चांगपेंग और निश्चल मुस्कुराते नजर आ रहे हैं।
इसमें साफ तौर पर कहा गया था कि वजीरएक्स का अधिग्रहण और इंटिग्रेशन कंपनी (Binance) की स्ट्रेटेजी का हिस्सा है। कंपनी ग्लोबल क्रिप्टो कम्युनिटी को क्रिप्टोकरेंसीज तक आसान पहुंच देने के लिए ग्लोबल पार्टनर्स की अपनी लिस्ट बढ़ा रही है।
Zhao ने इंडियन क्रिप्टो इकोसिस्टम को डेवलप करने की अपनी प्रतिबद्धता के बारे में भी विस्तार से बताया था। उन्होंने इंडिया को ग्लोबल ब्लॉकचेन का इनोवेशन सेंटर बनाने की भी बात कही थी। निश्चल ने बताया था कि इस अधिग्रहण से कैसे WazirX को इंडिया से बाहर अपनी सेवाओं का विस्तार करने का मौका मिलेगा। वह दूसरे विकासशील देशों को भी सेवाएं दे सकेगा।
अब Binance क्यों WazirX से दूरी बना रहा है?
अभी वजीरएक्स ED के रडार पर है। उस पर मनी लॉन्ड्रिंग में इंस्टैंट लोन ऐप कंपनियों की मदद करने का आरोप है। ED ने वजीरएक्स के फाइनेंशियल एसेट्स को फ्रिज कर दिया है। उसने 3 अगस्त, 2022 को PMLA के तहत सर्च ऑपरेशन के बाद ऐसा किया है।
इंडिया में क्रिप्टो के 10 करोड़ से ज्यादा इनवेस्टर्स हैं। Binance इंडिया क्रिप्टो मार्केट से जुड़ी संभावनाओं को समझ रहा है। इसलिए वह देश की प्रमुख जांच एजेंसी से रिश्ते खराब कर अपनी प्रतिष्ठा को दांव पर लगाना नहीं चाहता है। जिस तरह के आरोप वजीरएक्स पर लगाए गए है, उनकी गंभीरता Binance समझ रहा है। उधर, जांच को अंजाम तक पहुंचाने में ED का रिकॉर्ड अच्छा है।
ED की तरफ से प्रेस रिलीज जारी होने के तुरंत बाद Zhao ने 5 अगस्त, 2022 को एक के बाद एक कई ट्वीट किए। ऐसा लगा जैसे इनका मकसद वजीरएक्स और इसकी होल्डिंग कंपनी Zammai Labs के सभी तरह के ऑपरेशन से दूरी के बारे में बताना हो। ट्वीट्स में उन्होंने साफ कर दिया कि Binace की Zanmai Labs में कोई हिस्सेदारी नहीं है। वह बतौर टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन WazirX को सिर्प वॉलेट सर्विसेज देता है।
अब वजीरएक्स का क्या हो सकता है?
WazirX ने ED की तरफ से लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है। उसने कहा है कि वह जांच में मदद करने के लिए तैयार है। इस बीच निश्चल शेट्टी ने कई ट्वीट्स कर यह बताने की कोशिश की है कि Binance ही WazirX की असली ओनर है। उन्होंने यहां तक कहा है कि Zanmai Labs एक अलग कंपनी है, जबकि WazirX के डोमेन नेम की ओनरशिप Binance के पास है। उधर, Binance ने शेट्टी के दावों को खारिज किया है।
ऐसे में अगर एसेट्स पर लंबे समय तक रोक जारी रहती है तो WazirX के सामने ऑपरेशनल कॉस्ट या ट्रांजेक्शन सपोर्ट नहीं करने का रिस्क हो सकता है। वजीरएक्स और उसके फाउंडर ने कई बार कहा है कि उनके पास डिपॉजिट किया गया क्रिप्टो एसेट्स या फिएट मनी पूरी तरह से सुरक्षित है। उसने यह भी कहा है कि अभी डिपॉजिट और विड्रॉल का काम सामान्य तरह से चल रहा है।