ED के सामने आज फिर पेश नहीं होंगे दिल्ली CM केजरीवाल, अब तक 7 समन कर चुके नजरअंदाज

AAP ने कहा, "ED को रोजाना समन भेजने के बजाय अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए।" पार्टी की तरफ से जारी बयान में आगे कहा गया है कि आम आदमी पार्टी I.N.D.I.A. गठबंधन नहीं छोड़ेगी। AAP ने कहा कि केंद्र को इस तरह दबाव नहीं बनाना चाहिए। ED ने आज 7वीं बार समन भेजकर केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था

अपडेटेड Feb 26, 2024 पर 10:33 AM
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Arvind Kejriwal: ED के सामने नहीं पेश होने पर अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

Delhi Excise Policy Case: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सोमवार (26 फरवरी) को भी दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश नहीं हुए। केजरीवाल अब तक 7 समन को नजरअंदाज कर चुके हैं। ED ने आज 7वीं बार समन भेजकर केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था। केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक बार फिर कहा कि "मामला अदालत में है।" साथ ही इस बात पर प्रकाश डाला कि मामले की अगली सुनवाई 16 मार्च को है।

AAP ने कहा, "ED को रोजाना समन भेजने के बजाय अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए।" पार्टी की तरफ से जारी बयान में आगे कहा गया है कि आम आदमी पार्टी I.N.D.I.A. गठबंधन नहीं छोड़ेगी। AAP ने कहा कि केंद्र को इस तरह दबाव नहीं बनाना चाहिए।

केजरीवाल के खिलाफ सबूत पर्याप्त


केंद्रीय एजेंसी ने PMLA के प्रावधानों के तहत 7वां समन जारी करते हुए केजरीवाल की इस दलील को खारिज कर दिया था कि उनकी पेशी के लिए नया नोटिस देना गलत है क्योंकि यह मामला एक स्थानीय अदालत के विचाराधीन है। केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े मामले में 26 फरवरी को ED के समक्ष पेश होने तथा अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया था। ED ने हाल में इस मामले में उसके समन की अवज्ञा करने के लिए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल (55) के खिलाफ एक नई शिकायत दर्ज कराई थी।

अदालत ने पिछले सप्ताह केजरीवाल को इस मामले में व्यक्तिगत रूप से पेश होने की छूट दी थी और मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 मार्च की तारीख तय की थी। अदालत ने यह भी कहा था कि शिकायत के विषय और रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री से प्रथम दृष्टया यह भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 174 के तहत अपराध बनता है। कोर्ट ने कहा था कि आरोपी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कार्यवाही के लिए पर्याप्त आधार हैं।

चार्जशीट में केजरीवाल का जिक्र

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ED ने दावा किया कि स्थानीय अदालत ने प्रथम दृष्टया केजरीवाल को इस मामले में पूर्व में जारी नोटिसों की 'अवज्ञा' करने का दोषी पाया है, जिसके कारण उन्हें सातवां समन जारी करने की आवश्यकता पड़ी है। सूत्रों ने बताया था कि अदालत के सामने सवाल समन की वैधता का नहीं बल्कि केजरीवाल द्वारा जानबूझकर पूर्व में जारी समन की अवज्ञा करने का गैरकानूनी कृत्य है।

क्या है आरोप?

ED ने इस मामले में दाखिल किए आरोपपत्रों में कई बार केजरीवाल के नाम का उल्लेख किया है। एजेंसी ने कहा कि आरोपी अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को तैयार करने के संबंध में उनके संपर्क में थे।

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ED अभी तक इस मामले में AAP नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के अलावा पार्टी के संचार प्रभारी विजय नायर को गिरफ्तार कर चुकी है। ED ने अपने आरोपपत्र में दावा किया कि AAP ने अपराध से मिली करीब 45 करोड़ रुपये की आय का इस्तेमाल गोवा चुनाव प्रचार अभियान में किया।

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