Credit Cards

Indian Railways: बिजली से चलती है लोहे की ट्रेन, फिर भी नहीं लगता करंट, जानिए क्यों

Indian Railways: ट्रेन पूरी तरह से स्टील से बनी होती है। इंजन, कोच से लेकर पहिये सब लोहे के होते हैं। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि स्टील से बनी ट्रेन इलेक्ट्रिसिटी से चलती है और फिर भी इसमें करंट नहीं फैलता है। वहीं लोहा और पानी में करंट फैलने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है

अपडेटेड Mar 08, 2024 पर 9:00 PM
Story continues below Advertisement
Indian Railways: ट्रेन को चलाने के लिए 25000 वोल्ट की जरूरत रहती है।

Indian Railways: एक समय था जब दुनिया में ट्रेन कोयले से दौड़ती थी। फिर बने बिजली वाले इंजन, इसके बाद ट्रेन पटरियों पर बिजली से दौड़ने लगी। आपने भी कई बार देखा होगा कि ट्रेन को सीधे बिजली के तारों से करंट मिलता है। जिससे वह सरपट दौड़ती है। ऐसे में क्या सफर के दौरान कभी आपने ये सोचा है कि जब ट्रेन बिजली से चल रही है तो लोगों को उसके अंदर बैठकर करंट क्यों नहीं लग रहा। ट्रेन के बिजली से चलने के बावजूद क्यों आपको इलेक्ट्रिक शॉक नहीं लगता? अगर आपको ये नहीं पता है तो हम इस बारे में आपको जरूर बताएंगे।

यात्री ट्रेनों को चलाने के लिए 25000 वोल्‍ट का करंट की जररूत होती है। अब इतने हाई पॉवर की बिजली होने पर भी अगर आज तक एक भी ऐसा हादसा नहीं हुआ जिसमें बोगियों में करंट दौड़ने की शिकायत आई हो। ऐसे में यह सोचना लाजिमी है कि आखिर रेलवे ने ऐसा कौन सा जुगाड़ लगा दिया है। जिससे ट्रेन पूरी तरह सुरक्षित हो गई।

लोहे की ट्रेन में क्यों नहीं उतरता करंट


दरअसल, बात कुछ यूं है कि ट्रेन के इंजन को बिजली के तारों से जो करंट मिलता है वो सीधे ना मिलकर पेंटोग्राफ के जरिए मिलता है। इसकी वजह से ट्रेन और बिजली के तार के बीच सीधा संपर्क नहीं होता है। पेंटोग्राफ वही चीज है जो ट्रेन के इंजन के ऊपर लगा होता है। यह सीधे बिजली के तारों से सटा होता है। यानी इसी एक पुर्जे की वजह से ट्रेन में करंट नहीं पहुंचता है। इसे और सरल तरीके से आपको बता रहे हैं। इंजन पर लगे पेंटोग्राफ का सीधा कनेक्शन बिजली के तारों से होता है। वहीं पेंटोग्राफ के नीचे इंसुलेटर्स लगे रहते हैं जो करंट इंजन की बॉडी में फैलने से रोकते हैं।

कौन से करंट पर चलती है ट्रेन

अब सवाल ये उठता है कि ट्रेन AC (Alternating current – प्रत्यावर्ती धारा) करंट पर चलती है या फिर DC (Direct Current) करंट पर चलती है। ऐसे में बता दें कि शुरुआती दिनों में ट्रेन में DC करेंट दिया गया था। लेकिन, भारी भरकम ट्रेनों को चलाने में DC करेंट नाकामयाब रहा। बाद में ट्रेन में AC करेंट का इस्तेमाल किया जाने लगा। AC करेंट से ट्रेन को शुरुआत में आसानी से टॉर्क मिल जाता है। जिससे ट्रेन रफ्तार पकड़ लेती है।

Indian Railways: ट्रेन की कौन सी सीट होती है सबसे ज्यादा कंफर्टेबल? यहां जानिए पूरी डिटेल

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।