Lok Sabha Chunav 2024: 'मैं सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकता', विजेंदर सिंह के बाद अब गौरव वल्लभ का कांग्रेस से इस्तीफा

Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि वे 'वेल्थ क्रिएटर्स' (पूंजी का सृजन करने वालों) को गाली नहीं दे सकते। वल्लभ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखा त्यागपत्र X पर शेयर किया। इससे एक दिन पहले बुधवार को मुक्केबाजी में भारत के पहले ओलंपिक पदक विजेता विजेंदर सिंह भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए

अपडेटेड Apr 04, 2024 पर 11:53 AM
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Lok Sabha Elections 2024: गौरव वल्लभ ने अपने इस्तीफे के साथ कहा कि वह सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकते

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस (Congress) नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ (Gourav Vallabh Resigns) ने गुरुवार (4 अप्रैल) को पार्टी के सभी पदों और सदस्यता से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि वह सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकते। साथ ही उन्होंने कहा कि वे 'वेल्थ क्रिएटर्स' (पूंजी का सृजन करने वालों) को गाली नहीं दे सकते। वल्लभ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखा त्यागपत्र X पर शेयर किया। इससे एक दिन पहले बुधवार को मुक्केबाजी में भारत के पहले ओलंपिक पदक विजेता विजेंदर सिंह भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी जिस तरह से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, उसे देखते हुए वह खुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहे थे। वल्लभ ने अपने पोस्ट में कहा, "मैं न तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और न ही सुबह शाम वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता हूं। इसलिए पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।" वल्लभ कई महीनों से पार्टी की ओर से TV कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो रहे थे और लंबे समय से उनकी कोई प्रेस वार्ता भी नहीं हुई थी।

कांग्रेस पर निकली भड़ास


उन्होंने त्यागपत्र में कहा, "जब मैं कांग्रेस में शामिल हुआ था तो मेरा यह मानना था कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है जिसमें युवाओं और बौद्धिक लोगों की तथा उनके विचारों की कद्र होती है। लेकिन पिछले कुछ समय से महसूस हुआ की पार्टी का मौजूदा स्वरूप नए विचार वाले युवाओं के साथ सामंजस्य नहीं बैठ पा रहा है।"

बल्लभ ने दावा किया कि कांग्रेस जमीन से पूरी तरह कट चुकी है और वह नए भारत की आकांक्षा को नहीं समझ पा रही है जिसके कारण पार्टी न तो सत्ता में आ पा रही है और न ही मजबूत विपक्ष की भूमिका निभा पा रही है।

'प्राण प्रतिष्ठा' ने कांग्रेस ने क्यों बनाई दूरी?

वल्लभ का कहना है कि पार्टी ने अयोध्या में राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' कार्यक्रम से दूर रहने का जो रुख अपनाया उससे वह क्षुब्ध हुए। उन्होंने इस्तीफे में कहा, "मैं जन्म से हिंदू और कर्म से शिक्षक हूं। पार्टी के इस रुख ने मुझे हमेशा क्षुब्ध और परेशान किया। पार्टी एवं (I.N.D.I.A.) गठबंधन से जुड़े कई लोग सनातन धर्म के खिलाफ बोलते हैं और उस पर पार्टी का चुप रहना, उसे एक तरह से मौन स्वीकृति देने जैसा है।"

'हिंदू समाज के विरोधी नजर आ रहे हैं'

कांग्रेस प्रवक्ता ने जाति जनगणना के मुद्दे का उल्लेख करते हुए कहा है कि पार्टी इस संदर्भ में भी गलत दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा, "एक तरफ हम जाति जनगणना की बात करते हैं, वहीं दूसरी तरफ संपूर्ण हिंदू समाज के विरोधी नजर आ रहे हैं। यही कार्य शैली जनता के बीच यह भ्रामक संदेश दे रही है कि पार्टी एक खास धर्म की हिमायती है। यह कांग्रेस के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ है।"

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वल्लभ ने त्यागपत्र में यह दावा भी किया कि वर्तमान में आर्थिक मामलों पर कांग्रेस का रुख हमेशा वेल्थ क्रिएटर्स को नीचा दिखाने वाला रहा है तथा देश में होने वाले हर विनिवेश पर पार्टी का नजरिया नकारात्मक रहा है। उनका कहना है कि आर्थिक मुद्दों पर पार्टी के रुख को लेकर भी वह घुटन महसूस कर रहे थे।

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