Multibagger Stocks: फार्मा सेक्टर की दिग्गज कंपनी ग्लेनमार्क फार्मा (Glenmark Pharma) लंबे समय में मल्टीबैगर साबित हुई है और महज 60 हजार के निवेश पर करोड़पति बनाया है। हालांकि इसके शेयर एक दिन पहले एक साल के हाई पर पहुंच गए थे और इस हाई से दो दिन में यह करीब 12 फीसदी फिसल चुका है। आज इंट्रा-डे के निचले स्तर से थोड़ी सी रिकवरी तो हुई है लेकिन अभी भी स्थिति बेहतर नहीं दिख रही है। ब्रोकरेज फर्म भी इसे लेकर पॉजिटिव नहीं दिख रहे हैं और उनका मानना है कि मौजूदा लेवल से यह 17 फीसदी से भी अधिक फिसल सकता है। दिन के आखिरी में बीएसई पर यह 3.12 फीसदी की गिरावट के साथ 802.25 रुपये (Glenmark Pharma Share Price) पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में यह 775 रुपये तक आ गया था और एक दिन पहले 21 सितंबर को यह 879.15 रुपये की ऊंचाई पर था।
60 हजार रुपये के निवेश पर बना दिया करोड़पति
ग्लेनमार्क फार्मा के शेयर 21 सितंबर 2001 को महज 4.75 रुपये में मिल रहे थे। अब यह 802.25 रुपये पर है यानी कि 22 साल में इसने निवेशकों के 60 हजार रुपये के निवेश को 1 करोड़ रुपये की पूंजी बना दिया। पिछले एक साल में भी इसके शेयरों की तेजी शानदार रही है। पिछले साल 27 सितंबर 2022 को यह एक साल के निचले स्तर 363.80 रुपये पर था। इसके बाद करीब एक साल में यह करीब 142 फीसदी उछलकर 21 सितंबर 2023 को एक साल के हाई 879.15 रुपये पर पहुंच गया। हालांकि यह हाई लेवल कायम नहीं रह सका और इसे लेवल से यह दो दिन में 9 फीसदी से अधिक फिसल चुका है।
Glenmark Pharma में अभी और आएगी गिरावट?
ग्लेनमार्क फार्मा अपनी API (एक्टिव फार्मा एनग्रेडिएंट) इकाई ग्लेनमार्क लाइफसाइंसेज में 75 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है। यह हिस्सेदारी 615 रुपये के भाव में निरमा खरीदेगी। इस सौदे की वैल्यू करीब 5650 करोड़ रुपये है। इसके बाद इस API इकाई में ग्लेनमार्क फार्मा की हिस्सेदारी करीब 7.8 फीसदी रह जाएगी। शेयर बेचकर जो पैसो मिलेंगे, उससे कंपनी अपना कर्ज कम करेगी। वित्त वर्ष 2023 के आखिरी में इस पर 4340 करोड़ रुपये का कर्ज था। घरेलू ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की आज जारी रिपोर्ट के मुताबिक इस हिस्सेदारी को बेचने का वित्त वर्ष 2025 के लिए कंपनी के रेवेन्यू पर करीब 10 फीसदी झटका पड़ेगा। इसके अलावा EBITDA मार्जिन 1.50 फीसदी सिकुड़ सकता है। हालांकि कर्ज कम होने से असर कम हो जाएगा।
ब्रोकरेज के मुताबिक कर्ज का बोझ तो खत्म हो जाएगा लेकिन लॉन्ग रन में इसे आरएंडडी के लिए सालाना करीब 1300-1400 करोड़ रुपये के बजट के साथ-साथ Ryaltris की मार्केटिंग कॉस्ट और अमेरिकी जेनेरिक कारोबार के लिए पैसों की जरूरत पड़ेगी। इन सब बातों को देखते हुए ब्रोकरेज ने इसकी सेल रेटिंग बरकरार रखा है और टारगेट प्राइस 660 रुपये (वित्त वर्ष 2025 की अर्निंग्स के हिसाब से 12 गुना) फिक्स किया है जो मौजूदा लेवल से करीब 17 फीसदी डाउनसाइड है।
डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।