Credit Cards

ITR Filing: क्या आप टैक्सेबल इनकम के कैलकुलेशन को लेकर उलझन में हैं, ऐसे समझिए किस इनकम पर लगेगा टैक्स

ITR Filing: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 31 जुलाई, 2022 है। इसके बाद आईटीआर फाइल करने पर पेनाल्टी लगेगी। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस बारे में एसएमएस और मेल से टैक्सपेयर्स को रिमाइंडर भेज रहा है। वह आखिरी तारीख बताने के लिए ट्वीट भी कर रहा है

अपडेटेड Jul 19, 2022 पर 12:30 PM
Story continues below Advertisement
Income Tax Return: टोटल टैक्सेबल इनकम का कैलुकेशन टैक्सपेयर के सोर्स ऑफ इनकम के आधार पर होता है।

Income Tax Return 2022: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) आपने फाइल कर दिया है? अगर नहीं फाइल किया है तो जल्द फाइल कर दें। इसकी डेडलाइन 31 जुलाई, 2022 है। इसके बाद आईटीआर फाइल करने पर पेनाल्टी लगेगी। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस बारे में एसएमएस और मेल से टैक्सपेयर्स को रिमाइंडर भेज रहा है। वह आखिरी तारीख बताने के लिए ट्वीट भी कर रहा है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए टैक्सेबल इनकम कै कैलकुलेशन बहुत जरूरी है।

टोटल टैक्सेबल इनकम का कैलुकेशन टैक्सपेयर के सोर्स ऑफ इनकम के आधार पर होता है। इनकम टैक्स कानून के तहत इनकम के 5 स्रोत (5 Source of Income) बताए गए हैं।

1. सैलरी से इनकम (Income from Salary)

2. हाउस प्रॉपर्टी से इनकम (Income from House Property)


3. कैपिटल गेंस से इनकम (Income from capital Gains)

4. बिजनेस और प्रोफेशन से इनकम (Income from Business and profession)

5. अन्य स्रोत से इनकम (Income from other sources)

सैलरी से इनकम

सैलरी से टैक्सेबल इनकम को फॉर्म 16 की मदद से कैलकुलेट किया जा सकता है। नौकरी करने वाले सभी लोगों को कंपनी की तरफ से फॉर्म 16 जारी किया जाता है। इसमें कंपनी की तरफ से आपकी सैलरी पर काटे और जमा किए TDS की जानकारी होती है। इसमें आपकी ग्रॉस सैलरी की जानकारी भी होती है। अगर आपने टैक्स की पुरानी व्यवस्था का चुनाव किया है तो आप कुछ खास तरह की टैक्स छूट का दावा करने के हकदार हैं। इनमें सालाना 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन, हाउस रेंट अलाउन्स और एलटीसी शामिल है। अगर किसी वजह से आपको फॉर्म 16 नहीं मिला है तो सैलरी स्लिप की मदद से टैक्सेबल इनकम कैलकुलेट कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें : रूस में पेमेंट के लिए Bitcoin जैसी क्रिप्टोकरेंसीज का नहीं होगा इस्तेमाल, पुतिन का फैसला

हाउस प्रॉपर्टी से इनकम

टैक्सेबल इनकम के कैलकुलेशन के लिए हाउस प्रॉपर्टी को तीन हिस्सों में बांटा गया है। पहला-सेल्फ ऑक्युपायड प्रॉपर्टी, दूसरा-रेंटल प्रॉपर्टी और 'डीम्ड टू बी लेट आउट ' प्रॉपर्टी। कोई व्यक्ति दो प्रॉपर्टी (घर) का दावा बतौर सेल्फ ऑक्युपायड प्रॉपर्टी कर सकता है। अगर उसके पास तीसरी प्रॉपर्टी (घर) है तो उसे 'डीम्ड टू बी लेट आउट ' माना जाएगा। इसका मतलब है कि उसे किराया पर दिया गया माना जाएगा। भले ही उसे किराया पर दिया गया हो या नहीं। यह किराया आपके टैक्सेबल इनकम का हिस्सा होगा। हां, अगर प्रॉपर्टी खरीदने के लिए होम लोन लिया गया है तो उसके इंटरेस्ट के रूप में चुकाए गए अमाउंट पर डिडक्शन का फायदा मिलेगा।

कैपिटल गेंस से इनकम

घर, शेयर, म्यूचुअल फंड्स या शेयर बेचने पर गेंस होता है। इसे शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस कहा जाता है। इक्विटी म्यूचुअल फंड की यूनिट्स अगर आप एक साल से पहले बेच देते हैं तो उसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस कहा जाता है। इस पर 15 फीसदी की दर से टैक्स लगता है। शेयरों के मामले में भी यही नियम है। एक साल के बाद बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस लागू होता है। बगैर इंडेक्सेशन इस पर टैक्स की दर 10 फीसदी है।

बिजनेस और प्रोफेशन से इनकम

कई लोग सेल्फ-एम्पलॉयड होते हैं। उनकी इनकम उनके प्रोफेशन से मिलने वाली फीस के रूप में होती है। वकील, सीए इसके उदाहरण हैं। ऐसे लोग अपने कामकाज पर होने वाले खर्च जैसे ट्रैवलिंग एक्सपेंसेज, स्टेशनरी एक्सपेंसेज पर होने वाले खर्च पर डिडक्शन का दावा कर सकते हैं।

अन्य स्रोत से इनकम

बैंक अकाउंट जैसे सेविंग्स अकाउंट, एफडी, पोस्ट ऑफिस सेविंग्स स्कीम, शेयरों से मिला डिविडेंड इसके तहत आते हैं। यह भी कहा जा सकता है कि अगर कोई इनकम ऊपर की चार कैटेगरी के तहत नहीं आता है तो वह अन्य स्रोत से इनकम के तहत आएगा।

आपको रिटर्न फाइल करने से पहले यह देखना होगा कि उपर्युक्त स्रोतों से आपको कितनी इनकम होती है। वह आपकी ग्रॉस इनकम होगी। फिर, सेक्शन 80सी, 80डी, 80सीसीडी, 80जीजी के तहत आप डिडक्शन के हकदार हैं। यह डिडक्शन करने के बाद आपकी टैक्सेबल इनकम निकल जाएगी। टैक्सबेल इनकम निकलने के बाद स्लैब के हिसाब से आपको टैक्स चुकाना होगा।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।