Agriculture tips: आंवले की बंपर पैदावार, भरतपुर के किसानों की आमदनी हुई दोगुनी, जानें कैसे

Agriculture tips: भरतपुर में इन दिनों किसान बेहद खुश हैं, क्योंकि आंवला की खेती उन्हें बढ़िया कमाई दिला रही है। परंपरागत फसलें छोड़कर लगाए गए आंवला के बाग अब किसानों के लिए लगातार आय का भरोसेमंद जरिया बन गए हैं। अच्छी पैदावार और बढ़ी मांग की वजह से मंडियों में आंवला शानदार भाव पर बिक रहा है

अपडेटेड Dec 10, 2025 पर 2:14 PM
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Amla Farming: किसानों का कहना है कि आंवला की खेती से उन्हें नियमित, स्थिर और सुरक्षित आय मिलने लगी है।

ये दिनों भरतपुर में किसानों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई है, और इसकी असली वजह है आंवला की खेती से मिल रही बेहतरीन कमाई। कई किसानों ने वर्षों पहले परंपरागत खेती से हटकर जब आंवला के बाग लगाने का फैसला लिया था, तब शायद उन्हें भी अंदाजा नहीं था कि ये निर्णय आगे चलकर उनकी सबसे लाभकारी कमाई का जरिया बन जाएगा। आज हालात ये हैं कि आंवला के बाग किसानों के लिए लगातार आमदनी देने वाले “स्थायी एटीएम” जैसे बन गए हैं। मौसम अनुकूल होने और पैदावार बेहतर आने की वजह से किसान इस सीजन में खूब रौनक के साथ फल तोड़ाई कर रहे हैं।

खेतों से लेकर मंडियों तक आंवला के पहुंचते ही अच्छी कीमत मिलने लगी है, जिससे किसानों की आय में जबरदस्त बढ़ोतरी हो रही है। भरतपुर में आंवला की बढ़ती मांग और किसान परिवारों की लौटती खुशहाली इस बात का सबूत है कि ये फसल अब यहां की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने लगी है।

मांग बढ़ी, दाम मजबूत  


किसानों के अनुसार इस बार आंवला न सिर्फ आकार में बड़ा है, बल्कि उसकी गुणवत्ता भी बेहतरीन है। यही वजह है कि इसकी मांग पहले से ज्यादा बढ़ गई है। स्थानीय मंडियों में 45–50 रुपये किलो की दर मिलने से किसानों की कमाई में बढ़ोतरी हुई है। आंवला की खासियत यह है कि कम लागत और कम मेहनत में भी अच्छा उत्पादन मिल जाता है, इसलिए ये धीरे-धीरे किसानों के लिए भरोसेमंद आय का स्रोत बनता जा रहा है। भरतपुर की मिट्टी और मौसम भी आंवला उत्पादन के लिए बेहद अनुकूल माने जा रहे हैं।

बागों में लहलहाते हरे-भरे फल

बागों में तैयार हुए चमकीले हरे आंवले न सिर्फ तंदरुस्त और भरपूर हैं, बल्कि उनकी गुणवत्ता देखकर दूर-दराज के व्यापारी भी इन्हें खरीदने आ रहे हैं। आंवला अपने औषधीय गुणों की वजह से सालभर बाजार में मांग बनाए रखता है। अचार, मुरब्बा, जूस, पाउडर और आयुर्वेदिक दवाओं में इस्तेमाल होने के कारण किसान अपनी फसल आसानी से बेच लेते हैं। यही कारण है कि स्थानीय बाजारों से लेकर बड़े सप्लायर भी किसानों से सीधी खरीद कर रहे हैं।

आंवला बना किसानों के लिए स्थिर आय का जरिया

किसानों का कहना है कि आंवला की खेती से उन्हें नियमित, स्थिर और सुरक्षित आय मिलने लगी है। पहले जहां मौसम और फसल के भाव पर टिका रहना पड़ता था, वहीं अब आंवला के बाग हर साल अच्छा रिटर्न दे रहे हैं। कई किसान इसे लंबी अवधि का सुरक्षित निवेश मान रहे हैं।

कुल मिलाकर, भरतपुर में आंवला की खेती किसानों के लिए खुशहाली और आत्मनिर्भरता का नया अध्याय लिख रही है। बढ़ती मांग, अच्छा भाव और भरपूर पैदावार इन तीनों ने आंवला को यहां के किसानों की सबसे मुनाफे वाली फसल बना दिया है।

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