Agriculture tips: एक बार करें ये कटिंग, अमरूद के पौधे देंगे जबरदस्त फल!

How to Increase Guava Yield: अमरूद की खेती में सिर्फ मेहनत नहीं, बल्कि सही तकनीक अपनाना भी जरूरी है। निपिंग यानी पौधे की कोमल शीर्ष शाखाओं की हल्की कटिंग से नई शाखाएं उगती हैं, फल संख्या बढ़ती है और उनका आकार व गुणवत्ता बेहतर होती है। सही समय पर कटाई और छंटाई से पौधे स्वस्थ रहते हैं और पैदावार दोगुनी होती है

अपडेटेड Nov 27, 2025 पर 3:35 PM
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How to Increase Guava Yield: सही तरीके से निपिंग और छंटाई करने से नई शाखाएं तेजी से निकलती हैं।

खेती में केवल मेहनत ही पर्याप्त नहीं होती, बल्कि सही तकनीक अपनाना भी उतना ही जरूरी है। अमरूद की खेती में निपिंग यानी पौधे की कोमल ऊपरी शाखाओं की हल्की कटिंग एक बेहद प्रभावी तरीका है। ये प्रक्रिया पौधे को नई शाखाएं विकसित करने के लिए प्रेरित करती है, जिससे फल की संख्या बढ़ती है, उनका आकार बड़ा होता है और स्वाद व गुणवत्ता में भी सुधार होता है। किसान प्रवीण कुमार सिंह के अनुसार, यदि निपिंग नहीं की जाए तो पौधा केवल ऊंचाई में बढ़ता है, लेकिन फल कम लगते हैं। निपिंग करने से पौधा झाड़ी जैसा बन जाता है, हर दिशा से धूप और हवा मिलती है और पौधा स्वस्थ रहता है।

साथ ही, सही समय पर कटाई और छंटाई करने से पौधे की ऊर्जा सही दिशा में लगती है और नई कलियों का विकास होता है। निपिंग और छंटाई से पौधों में रोशनी और हवा का संतुलन बना रहता है, कीट और रोगों का खतरा कम होता है और फल मीठे, बड़े व उच्च गुणवत्ता वाले बनते हैं। ये तकनीक अपनाकर किसान अपने अमरूद के बाग में पैदावार बढ़ाकर मुनाफा दोगुना कर सकते हैं।

निपिंग क्यों जरूरी है


प्रगतिशील किसान प्रवीण कुमार सिंह बताते हैं कि अगर निपिंग नहीं की जाती तो पौधा सिर्फ ऊंचाई में बढ़ता है, लेकिन फल कम लगते हैं। निपिंग करने से पौधा झाड़ी जैसा बन जाता है, हर तरफ से धूप और हवा मिलती है और पौधा अधिक स्वस्थ रहता है। पौधे की ऊर्जा सही दिशा में लगती है, जिससे फल का आकार और स्वाद बेहतर होता है।

कटाई का सही समय

अमरूद की कटाई साल में दो बार करनी चाहिए। पहली कटाई जनवरी-फरवरी में और दूसरी कटाई बरसात के बाद सितंबर-अक्टूबर में होती है। गर्मियों में की गई कटाई नई कलियों को बढ़ने का अवसर देती है, जो सर्दियों में अच्छे फल देती हैं। बरसात के बाद की कटाई अगले सीजन की पैदावार को दोगुना कर देती है।

कटाई का सही तरीका

कटाई करते समय मुख्य शाखाओं को न काटें। सिर्फ सूखी, रोगग्रस्त और अंदर की तरफ बढ़ रही शाखाओं को हटाएं। कटाई के बाद पौधों में बीमारी से बचाव के लिए कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव करें। साथ ही खेत में गोबर या जैविक खाद डालें, जिससे पौधों को नई ऊर्जा मिलती है और फल जल्दी लगते हैं।

निपिंग और छंटाई के फायदे

सही तरीके से निपिंग और छंटाई करने से नई शाखाएं तेजी से निकलती हैं। फल की संख्या बढ़ती है, रोशनी और हवा का संतुलन बना रहता है, कीट और रोगों का खतरा कम होता है। फल बड़े, मीठे और बेहतर गुणवत्ता वाले होते हैं, जिससे बाजार में अच्छी कीमत मिलती है और किसान को अधिक लाभ होता है।

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