सांगली जिले के किसान राजू सहनी ने बैंगन की खेती में एक नया और अनोखा मॉडल विकसित किया है, जो पारंपरिक खेती से बिल्कुल अलग है। सामान्य तौर पर बैंगन की फसल कुछ महीनों तक ही उत्पादन देती थी, लेकिन राजू सहनी के मॉडल में पौधे लंबे समय तक फल देने में सक्षम हैं। उन्होंने बताया कि यदि पौधा मजबूत और स्वस्थ बना रहे, तो ये 7–8 महीने तक लगातार बैंगन का उत्पादन करता है। इस मॉडल की खासियत ये है कि किसान सालभर लगभग हर दिन बैंगन की तुड़ाई कर सकते हैं। राजू के अनुसार पौधा तैयार होने में डेढ़ महीने का समय लगता है।
अगर पौधे में कोई रोग या कमजोरी नहीं आती, तो वही पौधा किसानों के लिए निरंतर आय का बड़ा स्रोत बन जाता है। ये तरीका किसानों के लिए अतिरिक्त लाभ और समय, श्रम व लागत में कमी का अवसर भी देता है। इस मॉडल ने जिले में खेती के नए मानक स्थापित किए हैं।
लंबा उत्पादन और ज्यादा आय
राजू के अनुसार, पौधा तैयार होने में करीब डेढ़ महीना लगता है। अगर पौधा स्वस्थ रहे तो 7–8 महीने तक लगातार फल देता है। ये किसानों के लिए अतिरिक्त आय का बड़ा मौका है। पारंपरिक खेती में रोग लगने या पौधा कमजोर होने से फसल सिर्फ 3 महीने तक ही मिलती थी।
राजू लोकल 18 से बात करते हुए बताते हैं कि पत्तों का पीला पड़ना बैंगन में रोग का प्रमुख संकेत है। अगर समय रहते इलाज न किया जाए, तो पूरा पौधा प्रभावित हो सकता है। ऐसे में किसान को नई फसल लगानी पड़ती है। सही तरीके से पौधों को रोगमुक्त रखने से वही पौधा लंबे समय तक फल देता है।
राजू के अनुसार, सही समय पर पौधा तैयार करना, जैविक या रासायनिक उपाय से रोग नियंत्रण और मिट्टी का पोषण संतुलित रखना फसल की लंबी उम्र का राज है। ये तरीका अपनाकर किसान सालभर बैंगन की खेती से आय प्राप्त कर सकते हैं।
राजू सहनी का ये मॉडल जिले के किसानों के लिए प्रेरणा बन गया है। कृषि विशेषज्ञ भी मानते हैं कि निरंतर फलन क्षमता का सही इस्तेमाल करके किसान अपनी आमदनी दोगुनी कर सकते हैं। राजू की मेहनत और नवाचार ने इस मॉडल को तेजी से लोकप्रिय बना दिया है।