Radish Farming Tips: सर्दियों में मूली उगाएं, कम समय में ज्यादा मुनाफा पाएं

Radish Farming Tips: नागौर के किसान अब पारंपरिक फसलों के साथ मूली की खेती कर अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, सही समय पर बुवाई, संतुलित खाद और जैविक कीटनाशक से पैदावार 30% तक बढ़ सकती है। सर्दियों में मांग ज्यादा होने के कारण मूली लाभकारी और स्वास्थ्यवर्धक भी साबित होती है

अपडेटेड Nov 08, 2025 पर 3:41 PM
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Radish Farming Tips: किसान प्राकृतिक खाद और जैविक कीटनाशक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

राजस्थान के नागौर में अब किसान सिर्फ गेहूं, ज्वार या मूंग जैसी पारंपरिक फसलों तक सीमित नहीं रह रहे हैं। वे सर्दियों में मूली की खेती कर अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सही समय पर बुवाई की जाए, मिट्टी की तैयारी ठीक से हो और संतुलित मात्रा में खाद (जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम) डाली जाए, तो मूली की पैदावार में 25-30% तक बढ़ोतरी संभव है। साथ ही, किसान अगर नीम, गाय का मूत्र और कुछ घर में बनने वाले जैविक कीटनाशक का इस्तेमाल करें, तो कीट-पतंगों से भी फसल सुरक्षित रहती है।

मूली की यह फसल सर्दियों में बाजार में अच्छी मांग वाली होती है, जिससे किसानों को नियमित और अच्छा मुनाफा मिलता है। इसके अलावा, मूली सेहत के लिए भी फायदेमंद है और इसे खाने से इम्यूनिटी मजबूत होती है।

मूली की खेती का सही समय और मिट्टी


मूली की बुवाई का सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर से दिसंबर के बीच है। लोकल 18 से बात करते हुए कृषि विशेषज्ञ बाबूलाल बताते हैं कि दोमट या बलुई मिट्टी में खेत की अच्छी जुताई करके बीज बोना चाहिए। प्रति हेक्टेयर लगभग 10–12 किलो बीज पर्याप्त होता है। पंक्ति से पंक्ति की दूरी 30–40 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 8–10 सेंटीमीटर रखें, ताकि मूली को पर्याप्त जगह मिले और उपज अच्छी हो।

पौषण और पैदावार बढ़ाने के उपाय

बाबूलाल के अनुसार, मूली की फसल में प्रति हेक्टेयर 20 किलो नाइट्रोजन, 48 किलो फास्फोरस और 48 किलो पोटेशियम का संतुलित प्रयोग करें। समय पर सिंचाई और खरपतवार नियंत्रण भी जरूरी है, क्योंकि खरपतवार पोषक तत्व छीन लेते हैं और पैदावार घट जाती है।

जैविक कीटनाशक से फसल सुरक्षित

किसान प्राकृतिक खाद और जैविक कीटनाशक का इस्तेमाल कर सकते हैं। नीम के पत्ते, गाय का मूत्र और खरपतवार मिलाकर बना घरेलू कीटनाशक कीटों को कम करता है और फसल की पैदावार में 20–30% तक वृद्धि करता है।

बाजार मूल्य और स्वास्थ्य लाभ

मूली सर्दियों में मांग में रहती है, इसलिए इसका बाजार मूल्य स्थिर रहता है। पारंपरिक फसलों की तुलना में इससे बेहतर मुनाफा मिलता है। साथ ही, मूली स्वास्थ्यवर्धक भी है। यह शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाती है और सर्दी-जुकाम से बचाव में मदद करती है।

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