उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के विशेषज्ञों का मानना है कि गन्ने की कटाई में छोटी-सी लापरवाही भी किसानों को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा सकती है। डॉ. संजीव कुमार पाठक के अनुसार, यदि किसान गन्ने को वैज्ञानिक और सही तरीके से सतह के बिल्कुल बराबर काटें, तो प्रति हेक्टेयर 10 क्विंटल तक अतिरिक्त उत्पादन हासिल किया जा सकता है। कई किसान ऊपरी हिस्से से गन्ना काट देते हैं, जबकि गन्ने का सबसे मीठा और मूल्यवान भाग निचले हिस्से में होता है। इसके अलावा, ऊंची कटाई अगली फसल की पेड़ी के फुटाव को भी प्रभावित कर सकती है, जिससे भविष्य में उत्पादन कम हो सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सतह के बराबर कटाई ही फसल की अधिकतम पैदावार और बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित करती है। इसलिए किसानों के लिए ये बेहद जरूरी है कि कटाई के समय सावधानी बरतें और वैज्ञानिक विधि का पालन करें। इस छोटे बदलाव से लाभ और उपज दोनों में वृद्धि संभव है।
गन्ने का सबसे मीठा और मूल्यवान हिस्सा निचले हिस्से में होता है। अगर किसान कटाई को जमीन से ऊपर करते हैं, तो ये हिस्सा खेत में रह जाता है और किसानों के साथ-साथ चीनी मिलों को भी नुकसान होता है।
सतह के बराबर कटाई क्यों जरूरी है
यदि गन्ना 5–10 सेंटीमीटर ऊपर से काटा जाए, तो प्रति हेक्टेयर 5–10 क्विंटल तक का नुकसान हो सकता है। इससे फसल का आर्थिक मूल्य कम हो जाता है। सतह के बराबर कटाई से फसल का कोई भी महत्वपूर्ण हिस्सा व्यर्थ नहीं जाता।
ऊपर से कटाई करने से पेड़ी के फुटाव पर भी असर पड़ता है। कमजोर फुटाव अगली फसल की पैदावार को घटा देता है। इसलिए बेहतर उत्पादन और अगली फसल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सतह के बराबर कटाई करना आवश्यक है।
किसानों को सलाह दी जाती है कि गन्ने की कटाई में कभी भी लापरवाही न करें। वैज्ञानिक विधि का पालन करने से न केवल उत्पादन बढ़ता है, बल्कि फसल की गुणवत्ता और भविष्य की पैदावार भी बेहतर होती है।