Ketu Gochar 2026: ग्रहों की स्थिति, उनकी चाल और उदय या अस्त होने का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। ज्योतिष में नौ ग्रहों में से हर ग्रह का अलग महत्व और ऊर्जा है और जातक की कुंडली में ये जिस स्थान और भाव में होते हैं, उसके हिसाब से उनका शुभ और अशुभ प्रभाव होता है। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का गोचर कुछ अंतराल पर होता रहता है। गोचर अगर केतु ग्रह का हो तो ये और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। ये भी राहू की तरह ही छाया ग्रह है और इसकी भी गिनती क्रूर ग्रहों में की जाती है। नीच का केतु जातक को तरह-तरह के कष्ट देता है, वहीं उच्च का केतु शारीरिक, मानसिक और आर्थिक दृष्टि से शुभ फल देता है। यह व्यक्ति को राजा बना सकता है। इस ग्रह का राशि और नक्षत्र परिवर्तन दोनों ही बहुत अहम माना जाता है और इसका असर सभी 12 राशियों पर पड़ता है।
