E20 Fuel Backlash: महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कहा है कि उसके सभी वाहन E20 पेट्रोल से चलने के लिए सुरक्षित हैं। वाहन निर्माता कंपनी ने मंगलवार (11 सितंबर) को कहा कि नए मॉडल एफिशिएंसी के लिए कैलिब्रेट किए गए हैं। महिंद्रा ने अपने ग्राहकों को पूरी वारंटी सपोर्ट का आश्वासन दिया है। कंपनी ने साफ कहा है कि E20 फ्यूल (20% इथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल) का इस्तेमाल करने पर वाहनों की वारंटी पूरी तरह से मान्य रहेगी। हाल के दिनों में E20 फ्यूल को लेकर सोशल मीडिया पर काफी डिबेट चल रहा है।
पेट्रोल में 20 फीसदी एथेनॉल (E-20) के मिश्रण वाले फ्यूल से वाहनों के प्रदर्शन में गिरावट आने और कलपुर्जों के जल्द खराब होने की चर्चाएं सोशल मीडिया पर काफी तेज हैं। इस दौरान E-20 पेट्रोल से वाहनों के माइलेज में गिरावट और इंजन पर असर पड़ने की आशंका जताई गई।
भारत में 90,000 पेट्रोल पंपों पर 20% इथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (E20) की शुरुआत के साथ महिंद्रा एंड महिंद्रा ने पुष्टि की है कि उसके इंजन वर्तमान गैसोलीन मानकों को पूरा करते हैं। साथ ही नए गैसोलीन पर सुरक्षित रूप से चल सकते हैं।
कंपनी ने कहा कि E20 फ्यूल इस्तेमाल करने पर भी सभी वारंटी कमिटमेंट पूरी होगी। कंपनी ने कहा, "महिंद्रा के सभी वाहन E20 फ्यूल के अनुकूल हैं।" डिबेट के बीच महिंद्रा एंड महिंद्रा का यह कदम ग्राहकों की सभी शंकाओं को दूर करने में मदद करेगा।
महिंद्रा का यह बयान केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा E20 का बचाव करने और पेट्रोलियम लॉबी पर डर फैलाने का आरोप लगाने के बाद आया है। केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि E20 जलवायु के अनुकूल और किफायती दोनों है।
नितिन गडकरी ने गुरुवार कहा कि 20 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण वाले पेट्रोल को लेकर सोशल मीडिया पर पैसा देकर अभियान चला गया था। इसका मकसद उन्हें राजनीतिक रूप से निशाने पर लेना था।
उन्होंने कहा, "E-20 को लेकर सोशल मीडिया पर अभियान पैसे देकर चलाया गया था। यह अभियान एथनॉल के खिलाफ था और मुझे राजनीतिक रूप से निशाना बनाने के लिए चलाया गया था।"
गडकरी ने कहा कि देश के करीब 22 लाख करोड़ रुपये के ईंधन आयात बिल को देखते हुए E-20 एक किफायती एवं प्रदूषण-मुक्त देसी विकल्प है। उन्होंने कहा कि अगर यह राशि देश की अर्थव्यवस्था में ही जाए तो इसका फायदा किसानों और देश को होगा।
सरकार ने मक्का से एथेनॉल बनाने का निर्णय लिया है जिससे किसानों को 45,000 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। इस साल उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में इसका रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है।