सरकार यूनियन बजट 2025 में टैक्सपेयर्स को राहत देने जा रही है। खासकर 10-15 लाख सालाना इनकम वाले लोगों को इनकम टैक्स में राहत मिलना तय है। पिछले कुछ सालों में बढ़ती महंगाई ने मिडिल क्लास की मुश्किल बढ़ा दी है। इसका असर कंजम्प्शन पर पड़ा है। इकोनॉमिस्ट्स ने कंजम्प्शन बढ़ाने के लिए सरकार को मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ घटाने की सलाह दी है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इसका ऐलान 1 फरवरी को यूनियन बजट में कर सकती हैं।
सरकार ने 2020 में इनकम टैक्स की नई रीजीम का ऐलान किया था
सरकार ने यूनियन बजट 2020 में इनकम टैक्स की नई रीजीम का ऐलान किया था। इस रीजीम में टैक्स के रेट्स कम हैं, लेकिन डिडक्शन का फायदा नहीं मिलता है। पिछले कुछ सालों में इस रीजीम में टैक्सपेयर्स की दिलचस्पी बढ़ी है। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने वाले करीब 70 फीसदी लोग नई रीजीम का इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर सरकार इस रीजीम में टैक्स के रेट्स में कमी करती है तो इससे करोड़ों लोगों को फायदा होगा।
पुरानी रीजीम में 10 लाख से ज्यादा इनकम पर 30 फीसदी टैक्स
इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम में 10 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर सबसे ज्यादा 30 फीसदी टैक्स का स्लैब लागू होता है। नई रीजीम में सालाना 15 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगता है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले कुछ सालों में जिस तरह से महंगाई बढ़ी है, उससे 10-15 लाख रुपये की सालाना आमदनी ज्यादा नहीं रह गई है। खासकर दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में इस इनकम में गुजारा तक करना मुश्किल हो गया है।
नई रीजीम में सबसे ज्यादा टैक्स वाला ब्रैकेट बढ़ाने की सलाह
टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनकम टैक्स की नई रीजीम 2020 में शुरू हुई थी। तब से कॉस्ट इनफ्लेशन इंडेक्स (CII) 20.59 फीसदी बढ़ा है। नई रीजीम के ज्यादातर टैक्स ब्रैकेट्स में कम से कम 20 फीसदी इजाफा किया गया है। सिर्फ 30 फीसदी टैक्स स्लैब के लिए 15 लाख रुपये से ज्यादा की इनकम तय है। नई रीजीम की शुरुआत से ही इसमें बदलाव नहीं किया गया है। अगर सीआईआई को ध्यान में रख सरकार 15 लाख रुपये के ब्रैकेट को 20 फीसदी तक बढ़ाती है तो यह 18 लाख रुपये हो जाएगा। फिर, 18 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स रेट 20 फीसदी हो जाएगा। 18 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर टैक्स का 30 फीसदी रेट लागू होगा।