Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को सुबह 11 बजे यूनियन बजट 2025 पेश करेंगी। क्या इस बार भी बजट के बाद सोना सस्ता होगा। ज्वैलरी इंडस्ट्री सरकार से गोल्ड पर जीएसटी घटाने की मांग कर रही है। जेम्स और ज्वेलरी इंडस्ट्री आने वाले बजट 2025 में गुड्स और सर्विसेज टैक्स (GST) की दरों को घटाने की मांग कर रही है। इंडस्ट्री Revenue Equivalence Ratio को घटाकर 1 प्रतिशत करने की मांग कर रही है। इंडस्ट्री का तर्क है कि मौजूदा 3 प्रतिशत GST दर एक बड़ा कॉस्ट का बोझ बन रही है, जिससे कंपिटिशन पर असर पड़ता है। इससे रोजगार के मौका पर भी नेगेटिव असर पड़ता है।
सोने की ऊंची कीमतों का GST पर असर
GJC नेआने वाले बजट में GST दर को 3 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत करने की डिमांड की है। इससे इंडस्ट्री को राहत मिलेगी। ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल (GJC) के चेयरमैन राजेश रोकड़े ने कहा कि हम कारोबार को समर्थन देने के लिए टैक्स को कम करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लगातार बढ़ती सोने की कीमतों के कारण मौजूदा GST दर उद्योग और ग्राहकों दोनों के लिए बोझ बनती जा रही है। सरकार को जीएसटी 3 फीसदी से 1 फीसदी करने की जरूरत है। रोकड़े ने कहा कि जीएसटी कम करने के साथ ही ज्वैलरी इंडस्ट्री को आसानी से लोन मिलना चाहिए।
टैक्स कम होने से ग्रामीण सेक्टर को होग फायदा
GST की दर कम होने से न केवल ग्राहकों, खासकर ग्रामीण इलाकों में मदद मिलेगी। गहनों की पहुंच आम लोगों को आसान बनेगी।
लैब-ग्रोन डायमंड्स पर रियायती GST दर की जाए
इंडस्ट्री की डिमांड है कि लैब-ग्रोन डायमंड्स के लिए रियायती GST दर लागू करने की मांग की है। जिससे उनकी टिकाऊ और किफायती विशेषताओं को पहचान मिल सके। अभी प्राकृतिक और लैब-ग्रोन डायमंड्स दोनों पर समान GST दर लागू है।
ज्वेलरी सेक्टर के लिए समर्पित मंत्रालय की मांग
GJC ने सरकार से ज्वेलरी सेक्टर के लिए एक समर्पित मंत्रालय स्थापित करने की भी अपील की है। इसके अलावा राज्य-स्तरीय नोडल कार्यालय और केंद्रीय मंत्री की नियुक्ति की भी मांग की गई है।
EMI और गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में बदलाव की मांग
GJC के उपाध्यक्ष अविनाश गुप्ता ने कहा कि हम सरकार से ज्वेलरी पर EMI की सुविधा देने की मांग कर रहे हैं। इंडस्ट्री की लंबे समय से मांग है। इसके अलावा गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम को भी पुनर्गठित करने की जरूरत है ताकि घरेलू सोने को अर्थव्यवस्था में लाया जा सके और आयात पर निर्भरता घटाई जा सके।