फाइनेंशियल ईयर 2025-2026 का यूनियन बजट पेश होने की तारीख नजदीक आ रही है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को यूनियन बजट पेश करेंगी। वह लगातार 8वीं बार बजट पेश करने वाली पहली वित्तमंत्री बन जाएंगी। इसके साथ उनके नाम सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड दर्ज हो जाएगा। अगले बजट को लेकर आम आदमी, उद्योग जगत, किसान सहित समाज के हर वर्ग को काफी उम्मीदे हैं। इसकी वजह यह है कि इस साल की दूसरी तिमाही में जीडीपी की ग्रोथ घटी है। उधर, आम आदमी महंगाई की मार से परेशान है। किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा बढ़ने की उम्मीद है।
कई महीने पहले शुरू हो जाता है प्रोसेस
यूनियन बजट (Union Budget) तैयार करने का काम हर साल कई महीने पहले शुरू हो जाता है। वित्त मंत्रालय इस बारे में नीति आयोग और अलग-अलग मंत्रालयों की राय लेता है। उनसे नए वित्त वर्ष में उनके खर्च के प्लान पर चर्चा होती है। अलग-अलग मंत्रालयों के एक्सपेंडिचर का अनुमान मिल जाने के बाद उनका विश्लेषण होता है। फिर इस आधार पर कुल बजट डेफिसिट का कैलकुलेशन होता है। बजट डेफिसिट का मतलब सरकार के रेवेन्यू और खर्च के बीच का फर्क है।
अलग-अलग मंत्रालयों के खर्च का प्लान
सरकार अपने रेवेन्यू और खर्च का अंदाजा लगाने के बाद अलग-अलग मंत्रालयों और विभागों को फंड का ऐलोकेशन करती है। इससे पहले इकोनॉमी के अलग-अलग सेक्टर के प्रतिनिधियों और एक्सपर्ट्स के साथ आम आदमी की राय जानने की भी कोशिश की जाती है। इकोनॉमिस्ट्स, ट्रेड यूनियंस भी बजट के बारे में अपनी राय वित्तमंत्री को देते हैं। आम तौर पर वित्तमंत्री इसके लिए प्री-बजट मीटिंग्स करती हैं। इसमें मिलने वाली राय बजट बनाने के लिए महत्वपूर्ण इनपुट्स का काम करती है। सभी सलाह, फीडबैक, मांग के विश्लेषण के बाद वित्तमंत्री बजट के प्रस्तावों को अंतिम रूप देती हैं। फिर इस पर कैबिनेट का एप्रूवल लिया जाता है।
बजट प्रस्तावों को मंजूरी मिलने के बाद वित्तमंत्रालय में 'हलवा सेरेमनी' का आयोजन होता है। इस पारंपरिक समारोह का आयोजन हर साल होता है। इसके साथ बजट डॉक्युमेंट्स की प्रिंटिंग शुरू हो जाती है। पहले बड़ी संख्या में बजट डॉक्युमेंट्स की प्रिंटिंग होती थी। अब बजट डॉक्युमेंट्स का सर्कुलेशन इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होता है। इसलिए बजट डॉक्युमेंट्स की ज्यादा कॉपी प्रिंट नहीं होती हैं।
संसद को बजट के प्रस्तावों की जानकारी
तय तारीख को वित्तमंत्री लोकसभा में बजट पेश करती हैं। इस दौरान वह लोकसभा के सदस्यों को सरकार के फाइनेंशियल रोडमैप, फिस्कल पॉलिसीज, इकोनॉमिक रिफॉर्म्स, टैक्स में बदलावों के प्रस्तावों के बारे में बताती हैं। वह यह भी बताती है कि सरकार की नीतियों से आम आदमी की जिंदगी पर किसी तरह से असर पड़ेगा। वह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों की मदद के लिए सरकार के उपायों के बारे में भी जानकारी देंगी।
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इस बार वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। यह फाइनेंशियल ईयर 2025-26 का फुल बजट होगा। इस बजट पर करीबी नजरें लगी हैं। आम आदमी को इनकम टैक्स में राहत मिलने की उम्मीद है। वित्तमंत्री नए डायरेक्ट टैक्स कोड का ऐलान कर सकती हैं। उधर, उद्योग जगत को उम्मीद है कि सरकार इकोनॉमी की ग्रोथ बढ़ाने वाले उपायों का ऐलान बजट में करेंगी। केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का फोकस किसानों की इनकम बढ़ाने पर है। इसलिए इस बजट में किसानों के लिए बड़ा ऐलान हो सकता है। सरकार पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा बढ़ा सकती है।