Union Budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ राज्यों के वित्त मंत्रियों ने 20 दिसंबर को प्री-बजट मीटिंग की। इस दौरान उन्होंने 50 साल की ब्याज-मुक्त ऋण योजना के तहत अधिक राशि देने की मांग रखी। वहीं वित्तीय रूप से संकटग्रस्त राज्यों जैसे पंजाब और केरल ने स्पेशल पैकेज और बॉरोइंग फ्लेक्सिबिलिटी की मांग की। राज्यों ने राजकोषीय गतिविधियों को सपोर्ट करने के लिए उधार सीमा बढ़ाने का भी आग्रह किया है। इसके अलावा जल आपूर्ति बढ़ाने के लिए टैंकों और स्टोरेज की व्यवस्था करने के लिए जल जीवन मिशन के लिए अतिरिक्त धनराशि की भी मांग की है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सूत्रों का कहना है कि प्री-बजट मीटिंग में महाराष्ट्र ने 'मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना' के लिए फंड मांगा। साथ ही कहा कि एक केंद्र सरकार से स्पॉन्सर्ड स्कीम (Centrally Sponsored Scheme) शुरू की जाए, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार दोनों लागत का 50-50 प्रतिशत शेयर करेंगी। वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट 1 फरवरी, 2025 को संसद में पेश किया जाएगा। इस संबंध में परामर्श के लिए आयोजित बैठक में सीतारमण के साथ सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों ने भाग लिया।
बजट 2024 में बढ़ा था ब्याज मुक्त ऋण के लिए एलोकेशन
सूत्रों ने बताया कि कई राज्यों ने 50 साल की ब्याज-मुक्त ऋण योजना के लिए एलोकेशन बढ़ाने की मांग की। उन्होंने इस श्रेणी के तहत पूंजी निवेश के लिए विशेष सहायता (Special Assistance for Capital Investment) योजना में अधिक फ्लेक्सिबिलिटी का भी अनुरोध किया। 2024-25 के बजट में सीतारमण ने पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को ब्याज मुक्त ऋण के लिए एलोकेशन में वृद्धि की थी, जिससे राज्य इंफ्रास्ट्रक्चर और निर्दिष्ट सुधारों पर अधिक खर्च कर सकें। 2023-24 में डिस्बर्स 1.10 लाख करोड़ रुपये से एलोकेशन को बढ़ाकर 1.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था।
आशा वर्कर्स के मानदेय में बढ़ोतरी की भी मांग
सूत्रों ने कहा कि सड़क और रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर राज्यों ने सड़क विकास प्रोजेक्ट्स और रेलवे प्रोजेक्ट्स की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने मान्यता-प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (आशा) को दिए जा रहे मानदेय में भी वृद्धि की मांग की। कुछ राज्यों ने केंद्र सरकार से प्रोजेक्ट्स के लिए भूमि अधिग्रहण लागत का बड़ा हिस्सा वहन करने को कहा। इसके अलावा राज्यों ने आपदा राहत के लिए अतिरिक्त फंड की जरूरत पर जोर दिया और स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड (एसडीआरएफ) के लिए अधिक एलोकेशन के लिए दबाव डाला।