Budget 2025: निर्मला सीतारमण से ये हैं इंडस्ट्रीज की 5 सबसे बड़ी उम्मीदें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2025 से पहले इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर रही हैं। ज्यादातर प्रतिनिधियों ने सरकार को ग्रोथ बढ़ाने वाले उपायों पर फोकस बढ़ाने की सलाह दी है। इसके लिए सरकार को रोजगार के मौके बढ़ाने होंगे

अपडेटेड Jan 02, 2025 पर 5:16 PM
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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस हफ्ते की शुरुआत में हेल्थकेयर और एजुकेशन सेक्टर के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी।

यूनियन बजट 2025 से पहले वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इंडस्ट्रीज के अलग-अलग सेक्टर के प्रतिनिधियो से मुलाकात कर रही हैं। अब तक वह कई प्रमुख इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर चुकी हैं। इस हफ्ते की शुरुआत में उन्होंने हेल्थकेयर और एजुकेशन सेक्टर के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी। इंडस्ट्री को आम तौर पर वित्तमंत्री से 5 बड़ी उम्मीदें हैं। इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों का कहना है अगर सरकार उनकी उम्मीदें पूरी करती है तो इससे जीडीपी ग्रोथ तेजी से बढ़ेगी।

1. इनकम टैक्स में राहत

करीब हर इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों का कहना है कि सरकार को यूनियन बजट 2025 (Union Budget 2025) में इनकम टैक्स में कमी करना चाहिए। इससे आम लोगों पर टैक्स का बोझ घटेगा। इससे उनके पास खर्च करने के लिए ज्यादा पैसे बचेंगे। लोग बढ़ती महंगाई की वजह से ज्यादा खर्च नहीं कर रहे हैं, जिसका सीधा असर इकोनॉमी की ग्रोथ पर पड़ रहा है।

2. पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कमी


प्रमुख उद्योग चैंबर सीआईआई ने कहा है कि अगर सरकार पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कमी करती है तो इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आएगी। इससे आम आदमी को काफी राहत मिलेगी। अभी आम आदमी के महीने के खर्च में पेट्रोल की काफी हिस्सेदारी है।

3. रोजगार बढ़ाने के उपाय

इंडस्ट्री के कई सेक्टर के प्रतिनिधियों ने कहा है कि सरकार को रोजगार के मौके बढ़ाने पर फोकस करना होगा। इसके लिए सरकार उन सेक्टर के लिए स्कीम का ऐलान कर सकती हैं, जिनमें मानव श्रम की ज्यादा जरूरत होती है। इनमें टूरिज्म, गारमेंट्स, फुटवियर जैसी इंडस्ट्रीज शामिल हैं।

4. ग्रामीण इलाकों में मांग बढ़ाने पर फोकस

सरकार को ग्रामीण इलाकों में मांग बढ़ाने के लिए बजट में बड़े ऐलान करना चाहिए। इसके लिए ग्रामीण इलाकों में लोगों की इनकम बढ़ाना जरूरी है। ग्रामीण इलाकों में कमजोर मांग का असर कंपनियों के प्रदर्शन पर पड़ा है। दूसरी तिमाही में कमजोर अर्निंग्स ग्रोथ इसका उदाहरण है।

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5. चीन से सस्ते आयात पर अंकुश

चीन में कंजम्प्शन कमजोर है। इसलिए वह अतिरिक्त उत्पादन के एक्सपोर्ट पर जोर दे रहा है। वह इंडिया सहित ग्लोबल मार्केट्स में सस्ते प्रोडक्ट्स की सप्लाई कर रहा है। इससे घरेलू कंपनियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

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