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Budget 2025: बजट से पहले 7% गिर सकता है मार्केट, निवेश में बरतें सावधानी

फिलहाल मार्केट पर दबाव बना रहेगा। क्रूड की बढ़ती कीमतों और अमेरिकी में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने का असर मार्केट पर पड़ सकता है। इस बात पर खास नजर रहेगी कि ट्रंप इंडिया को लेकर किस तरह की पॉलिसी अपनाते हैं

अपडेटेड Jan 14, 2025 पर 6:30 PM
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आम तौर पर बजट से पहले मार्केट में प्री-बजट रैली देखने को मिलती है। लेकिन, इस बार यह रैली नहीं दिख रही।

लगातार कई दिनों तक गिरावट के बाद आप 14 जनवरी को मार्केट के हरे निशान में बंद होने से उत्साहित हैं? अगर हां तो आपके लिए यह जान लेना ठीक रहेगा कि अभी मार्केट का सेंटिमेंट नहीं बदला है। ग्रीन-पोर्टफोलियो के को-फाउंडर दिवम शर्मा ने कहा है कि बजट तक मार्केट में और 5-7 फीसदी की गिरावट आ सकती है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को यूनियन बजट पेश करेंगी। अक्टूबर 2024 में स्टॉक मार्केट में गिरावट शुरू हुई थी। तब से मार्केट लगातार गिर रहा है।

शर्मा ने कहा कि यूनियन बजट पर करीबी नजरें लगी हैं। अगर बजट में रेलवे, इंफ्रा और डिफेंस की अनदेखी होती है तो इन सेक्टर के शेयरों के भाव 30-40 फीसदी तक गिर सकते हैं। इनवेस्टमेंट की दुनिया का 15 साल का अनुभव रखने वाले शर्मा का कहना है कि अभी मार्केट की जो स्थिति है, उसमें निवेशकों को टेलीकॉम, फार्मा, ऑटो और पैकेजिंग कंपनियों के शेयरों पर फोकस करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इन सेक्टर्स में ग्रोथ की अच्छी संभावनाएं हैं।

स्टॉक मार्केट पर फिलहाल दबाव बना रहेगा


बाजार की आगे की दिशा के बारे में उन्होंने कहा कि फिलहाल मार्केट पर दबाव बना रहेगा। क्रूड की बढ़ती कीमतों और अमेरिकी में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने का असर मार्केट पर पड़ सकता है। इस बात पर खास नजर रहेगी कि ट्रंप इंडिया को लेकर किस तरह की पॉलिसी अपनाते हैं। कुछ हफ्तों बाद यूनियन बजट आएगा। इकोनॉमी और स्टॉक मार्केट के लिए यह सबसे बड़ा इवेंट है। बजट तक मार्केट में और 5-7 फीसदी करेक्शन आ सकता है।

सरकार के पूंजीगत खर्च के टारगेट पर नजर

शर्मा ने कहा कि यूनियन बजट में सरकार के पूंजीगत खर्च के टारगेट पर करीबी नजरें लगी हुई हैं। सरकार यूनियन बजट में कंजम्प्शन बढ़ाने के उपाय कर सकती है। कंजम्प्शन घटने के संकेत हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों में कंजम्प्शन कमजोर है। उधर, परिवारों पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है। यह 2021 में 77 लाख करोड़ रुपये था, जो 2024 में बढ़कर 120 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह जीडीपी का 43 फीसदी है। इनफ्लेशन में कमी आई है, लेकिन यह अब भी ज्यादा है।

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इस बार गायब है प्री-बजट रैली

आम तौर पर बजट से पहले मार्केट में प्री-बजट रैली देखने को मिलती है। लेकिन, इस बार यह रैली नहीं दिख रही। बाजार चार कदम पीछे चलने के बाद एक कदम आगे बढ़ा रहा है। इससे निवेशकों का सेंटिमेंट काफी कमजोर दिख रहा है। लोग खर्च में भी सावधानी बरत रहे हैं। बाजार में रिकवरी का इंतजार लंबा होता जा रहा है।

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