Budget 2025: निर्मला सीतरमण से मिडिल क्लास को मिल सकते हैं ये 5 बड़े तोहफे

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इनकम टैक्स में राहत का ऐलान यूनियन बजट 2025 में कर सकती है। माना जा रहा है कि वह सालाना 15-20 लाख रुपये तक की इनकम वाले टैक्सपेयर्स पर टैक्स का बोझ कम कर सकती हैं। यूनियन बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाने का भी ऐलान हो सकता है

अपडेटेड Dec 31, 2024 पर 3:56 PM
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24 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र के साथ बैठक में अर्थशास्त्रियों ने सरकार को जीडीपी ग्रोथ बढ़ाने के लिए बड़े कदम उठाने की सलाह दी थी।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण यूनियन बजट 2025 में मिडिल क्लास के लिए 5 बड़े तोहफों का ऐलान कर सकती हैं। सरकार सुस्त पड़ती इकोॉमिक ग्रोथ को बढ़ाना चाहती है। 24 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र के साथ बैठक में अर्थशास्त्रियों ने सरकार को जीडीपी ग्रोथ बढ़ाने के लिए बड़े कदम उठाने की सलाह दी थी। इकोनॉमिस्ट्स का मानना है कि कंजम्प्शन घटने की वजह से जीडीपी ग्रोथ में कमी आई है। अगर सरकार मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ घटाती है तो इससे कंजम्प्शन बढ़ सकता है। उम्मीद है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को यूनियन बजट में मिडिल क्लास को ये 5 तोहफे दे सकती हैं।

इनकम टैक्स में राहत

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) इनकम टैक्स में राहत का ऐलान यूनियन बजट 2025 में कर सकती है। माना जा रहा है कि वह सालाना 15-20 लाख रुपये तक की इनकम वाले टैक्सपेयर्स पर टैक्स का बोझ कम कर सकती हैं। अभी इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में सालाना 10 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगता है। नई रीजीम में सालाना 15 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर 30 फीसदी का सबसे ज्यादा टैक्स वाला स्लैब लागू होता है।

स्टैंर्डर्ड डिडक्शन में वृद्धि


यूनियन बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाने का ऐलान हो सकता है। अभी इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में 50,000 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है। नई रीजीम में 75,000 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है। यह ध्यान में रखने वाली बात है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा सिर्फ नौकरी करने वाले लोगों को मिलता है। इस साल 23 जुलाई को पेश यूनियन बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने नई रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया था।

नई रीजीम में टर्म-हेल्थ पॉलिसी पर डिडक्शन

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को नई टैक्स रीजीम में भी टर्म लाइफ पॉलिसी और हेल्थ पॉलिसी पर डिडक्शन का लाभ देना चाहिए। अभी इनकम टैक्स की सिर्फ ओल्ड रीजीम में लाइफ इंश्योरेंस की टर्म पॉलिसी और हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम पर डिडक्शन मिलता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जिस तरह से बड़े प्राइवेट अस्पतालों में इलाज का खर्च बढ़ा है, उससे हर आदमी के लिए हेल्थ पॉलिसी जरूरी हो गई है। इसलिए नई रीजीम में भी इस पर डिडक्शन मिलना चाहिए।

एनपीएस में ज्यादा टैक्स छूट

अभी एनपीएस सब्सक्राइबर के रिटायर करने पर एनपीएस में जमा कुल फंड का 40 फीसदी एन्युटी खरीदने के लिए इस्तेमाल करना पड़ता है। इस एन्युटी से उसे हर महीने पेंशन मिलती है। अभी हर महीने मिलेना वाला पेंशन अमाउंट टैक्स के दायरे में आता है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को एनपीएस में एन्युटी से मिलने वाले पेंशन को टैक्स से छूट देनी चाहिए। इससे एनपीएस में लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी।

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होम लोन इंटरेस्ट पर डिडक्शन

अभी होम लोन के इंटरेस्ट पर डिडक्शन का फायदा इनकम टैक्स की सिर्फ ओल्ड रीजीम में मिलता है। सरकार को नई रीजीम में भी होम लोन पर डिडक्शन का लाभ देना चाहिए। इससे होम लोन लेने वाले लोगो की दिलचस्पी भी नई टैक्स रीजीम में बढ़ेगी। अभी होम लोन लेने वाले टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम का इस्तेमाल करने में दिलचस्पी दिखाते हैं।

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