केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद से रोड इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर बनाने पर फोकस बढ़ा है। बीते पांच साल में रोड नेटवर्क में 59 फीसदी इजाफा हुआ है। आज इंडिया में सड़क नेटवर्क 67 लाख किलोमीटर का हो गया है। इससे सड़कों के मामले में इंडिया दुनिया में दूसरे पायदान पर आ गया है। अब भारत से आगे सिर्फ अमेरिका है। इंडिया में कुल रोड नेटवर्क में 14 लाख किलोमीटर से ज्यादा सिर्फ हाईवेज हैं। रेटिंग्स और रिसर्च फर्म इकरा का अनुमान है कि सरकार अगले वित्त वर्ष में रोड सेक्टर के लिए आवंटन 8-10 फीसदी बढ़ा सकती है।
नए BOT मॉडल पर प्रोजेक्ट देने पर फोकस
सरकार ने FY25 के लिए MoRTH का आवंटन सिर्फ तीन फीसदी बढ़ाया था। वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman ने करीब 2.72 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया था। इससे एक साल पहले 2.64 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया था। इस मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि सरकार नए बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (BOT) मॉडल पर नए प्रोजेक्ट्स देना चाहती है। इसके लिए सरकार, ने 15 अहम रोड प्रोजेक्ट्स की पहचान की है, जिनकी वैल्यू 44,000 करोड़ रुपये है। इसके तहत कुल 937 किलोमीटर सड़क बनाई जाएगी।
सरकार NHAI के ज्यादा कर्ज लेने के पक्ष में नहीं है
सरकार रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने में प्राइवेट सेक्टर की भूमिका बढ़ाना चाहती है। सरकार NHAI के बाजार से ज्यादा कर्ज लेने के पक्ष में नहीं है। पहले से ही एनएचएआई पर कर्ज काफी ज्यादा है। अगस्त 2024 में यह 3.2 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया था। FY19 में यह सिर्फ 1.8 लाख करोड़ रुपये था। सरकार का मानना है कि अगर सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार में प्राइवेट सेक्टर को शामिल किया जाता है तो इससे एनएचआई को ज्यादा कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए सरकार प्राइवेट सेक्टर को लुभाने की कोशिश कर रही है।
प्राइवेट सेक्टर को अट्रैक्ट करने के कोशिश
सरकार का मानना है कि 500 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के प्रोजेक्ट्स बिल्ड-ट्रांसफर-ऑपरेट (BOT) मॉडल पर दिए जाने चाहिए। साथ ही पहले से जिन प्रोजेक्ट्स को लेकर प्राइवेट कंपनियों से विवाद चल रहा है, उन्हें जल्द निपटाने की कोशिश होनी चाहिए। इससे प्राइवेट कंपनियों का भरोसा बढ़ेगा। वे सरकार के प्रोजेक्ट्स में हिस्सा लेने में दिलचस्पी दिखाएंगी। इससे रोड प्रोजेक्ट्स को तेजी से पूरा करने में मदद मिलेगी।
इन कंपनियों के स्टॉक्स में दिख सकती है तेजी
रोड इंफ्रा के लिए आवंटन बढ़ने से L&T, IRB Infra, Dilip Buildcon, NCC Infra और Afcons Infra जैसी दिग्गज कंस्ट्रक्शन कंपनियां शामिल हैं। Afcons Infrastructure के शेयरों ने बीते एक साल में निवेशकों को मायूस किया है। इस दौरान इसका रिटर्न सिर्फ 4.85 फीसदी रहा है। L&T के शेयरों का प्रदर्शन भी बीते एक साल में खराब रहा है। इसने इस दौरान 2 फीसदी का निगेटिव रिटर्न दिया है। Dilip Buildcon का शेयर एक साल में सिर्फ 2.99 फीसदी चढ़ा है। IRB Infra के शेयरों ने एक साल में करीब 11 फीसदी रिटर्न दिया है। NCC Infra के शेयरों का रिटर्न बीते एक साल में करीब 27 फीसदी रहा है।