Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को आम बजट पेश करेंगी। इस बजट को लेकर अलग-अलग सेक्टर्स के एक्सपर्ट और लोग अपनी डिमांड सरकार के सामने रख रहे हैं। Infosys के पूर्व CFO मोहनदास पाई ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री से मिडिल क्लास को राहत देने की अपील की है। उन्होंने टैक्स स्लैब में बदलाव और टैक्सपेयर पर बढ़ते बोझ को कम करने की मांग की है।
टैक्स स्लैब में बदलाव की मांग
मोहनदास पाई का कहना है कि मौजूदा टैक्स स्लैब मिडिल क्लास पर भारी पड़ रहा है। उन्होंने सुझाव दिया है कि इसे कम और एडजस्ट किये जाने की जरूरत है। उन्होंने इसे लेकर कुछ सलाह दी है।
5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं होना चाहिए।
5-10 लाख रुपये तक की आय पर 10% टैक्स।
10-20 लाख रुपये तक की आय पर 20% टैक्स।
20 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30% टैक्स।
50 लाख रुपये से ऊपर की आय पर सरचार्ज।
इसके अलावा 60 साल से ऊपर के नागरिकों को 7.5 लाख रुपये और 70 साल से ऊपर के नागरिकों को 10 लाख रुपये तक की आय पर छूट देने की बात कही गई है।
मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ
मोहनदास पाई का कहना है कि मिडिल क्लास पर सबसे ज्यादा टैक्स का बोझ है। पिछले तीन सालों में पर्सनल टैक्स कलेक्शन 114% बढ़ा है, लेकिन मिडिल क्लास की इनकम और सेविंग पर कोई राहत नहीं दी गई। महंगाई, स्कूल-कॉलेज की बढ़ती फीस और जरूरी खर्चों के बाद मिडिल क्लास के पास दूसरे खर्चों के लिए पैसे नहीं बचते।
हाउसिंग लोन पर राहत की मांग
उन्होंने कहा कि हाउसिंग लोन पर डिडक्शन से केवल उन्हीं लोगों को फायदा होता है, जो लोन लेते हैं। यह सर्विस 3.5 करोड़ टैक्सपेयर्स में से सिर्फ 1.2 करोड़ को मिलती है। उन्होंने सुझाव दिया कि बजट में ऐसी योजनाएं लाई जाएं, जिससे मिडिल क्लास के पास खर्च करने के लिए ज्यादा पैसे हों।
टैक्स विवादों का निकाला जाए समाधान
मोहनदास पाई ने टैक्स विवादों को भी खत्म करने की मांग की। उन्होंने कहा कि 2014 में विवादित टैक्स राशि 4.5 लाख करोड़ रुपये थी, जो 2025 तक 12.5 लाख करोड़ रुपये हो गई है। यह आयकर विभाग और सरकार की विफलता है। उन्होंने 2025-26 को टैक्स विवाद समाधान साल घोषित करने की अपील की।
मिडिल क्लास को ने किया जाए नजरअंदाज
उन्होंने कहा कि सरकार गरीब तबके के लिए 9 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा सब्सिडी पर खर्च करती है, लेकिन मिडिल क्लास की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जाता। उन्होंने मिडिल क्लास को राहत देने और उनकी नाराजगी दूर करने की जरूरत पर जोर दिया। बजट 2025 से मिडिल क्लास को काफी उम्मीदें हैं। अब देखना यह है कि सरकार इस बजट में मिडिल क्लास के लिए क्या कदम उठाती है और उनकी समस्याओं को कितना हल करती है।