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Budget 2025: क्या 5 लाख तक की इनकम पर टैक्स छूट और 15 लाख तक की इनकम पर 10% टैक्स तय कर सकती है सरकार?

इकोनॉमिस्ट्स का कहना है कि सरकार की नजरें दिसंबर के इनफ्लेशन के डेटा पर हैं। यह डेटा 12 जनवरी को आएगा। इससे सरकार को महंगाई का अंदाजा लगेगा। इस डेटा को देखने के बाद सरकार इनकम टैक्स में कमी के बारे में फैसला लेगी

अपडेटेड Dec 27, 2024 पर 12:26 PM
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इस साल अक्टूबर में इनफ्लेशन 6.21 फीसदी पर पहुंच गया था। इसकी बड़ी वजह खानेपीने की चीजों की कीमतों में उछाल था।

इनकम टैक्सपेयर्स की उम्मीदें यूनियन बजट 2025 से बढ़ गई हैं। 1 फरवरी, 2025 को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण यूनियन बजट पेश करेंगी। न्यूज एजेंसी रायटर्स ने 26 दिसंबर को सूत्रों के हवाले से खबर दी थी कि सरकार यूनियन बजट में इनकम टैक्स में कमी करेगी। रिपोर्ट में बताया गया है कि सालाना 15 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स घट सकता है। खबर में यह भी कहा गया कि अभी यह फैसला नहीं हुआ है कि इनकम टैक्स के किस स्लैब में कितना टैक्स घटेगा।

कंजम्प्शन बढ़ाने की कोशिश

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार कंजम्प्शन बढ़ाने के लिए लोगों पर टैक्स का बोझ कम करना चाहती है। कंजम्प्शन बढ़ाना इसलिए जरूरी है, क्योंकि इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) घटकर 5.4 फीसदी पर आ गई है। दरअसल, लोग महंगाई खासकर फूड इनफ्लेशन की वजह से परेशान हैं। लोगों ने रोजमर्रा की चीजों तक पर खर्च बढ़ाना शुरू कर दिया है। यह ट्रेंड इकोनॉमिक ग्रोथ के लिहाज से काफी निगेटिव है।


ज्यादा महंगाई से लोगों ने घटाया खर्च

इस साल अक्टूबर में इनफ्लेशन 6.21 फीसदी पर पहुंच गया था। इसकी बड़ी वजह खानेपीने की चीजों की कीमतों में उछाल था। नवंबर में इनफ्लेशन में कमी आई है। यह घटकर 5.48 फीसदी पर आ गया। लेकिन, यह अब भी आरबीआई के 4 फीसदी के टारगेट से काफी ज्यादा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि फल-सब्जियों की कीमतों में नरमी आई है। लेकिन, अभी भी प्याज, मटर, टमाटर की कीमतें एक साल पहले के मुकाबले ज्यादा हैं। इसलिए इनफ्लेशन में ज्यादा कमी आने की उम्मीद नहीं है।

आरबीआई ने बढ़ाया इनफ्लेशन का अनुमान

आरबीआई ने तीसरी तिमाही में रिटेल इनफ्लेशन के अनुमान को बढ़ा दिया है। पहले उसने दिसंबर तिमाही में इनफ्लेशन 4.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। अब उसने इसे बढ़ाकर 5.7 फीसदी कर दिया है। इसका मतलब है कि फिलहाल रिटेसल इनफ्लेशन में ज्यादा कमी के आसार नहीं हैं। चौथी तिमाही यानी मार्च में खत्म होने वाली तिमाही के इनफ्लेशन के अनुमान को भी उसने बढ़ाया है। इसे 4.2 फीसदी से बढ़ाकर 4.5 फीसदी कर दिया है।

सरकार की नजरें दिसंबर के इनफ्लेशन पर

इकोनॉमिस्ट्स का कहना है कि सरकार की नजरें दिसंबर के इनफ्लेशन के डेटा पर हैं। यह डेटा 12 जनवरी को आएगा। इससे सरकार को महंगाई का अंदाजा लगेगा। इस डेटा को देखने के बाद सरकार इनकम टैक्स में कमी के बारे में फैसला लेगी। सरकार को यह तय करना है कि इनकम टैक्स के किस स्लैब में कितनी कमी करने की जरूरत है।

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सरकार के पास विकल्प

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनफ्लेशन खासकर खानेपीने की चीजों की कीमतों में इजाफा को देखते हुए सरकार सालाना 5 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स टैक्स से पूरी तरह से छूट दे सकती है। वह इनकम टैक्स की नई और पुरानी दोनों रीजीम में यह छूट दे सकती है। 7 से 10 लाख रुपये तक के इनकम पर टैक्स में मामूली छूट दी जा सकती है। 10 लाख से 15 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर ज्यादा टैक्स छूट दी जा सकती है।

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