Union budget : 1 फरवरी को आने वाले बजट में शिप बिल्डिंग इंडस्ट्री को बड़ी राहत मिल सकती है। बजट में शिप बिल्डिंग इंडस्ट्री पर लगने वाले Withholding Tax में कटौती की जा सकती है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक इंडियन फ्लैग वाले शिप को TDS से छूट पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा शिप बिल्डिंग में लगने वाले इक्विपमेंट पर इंपोर्ट ड्यूटी छूट संभव है।
इसके अलावा इस बजट में ग्लोबल वैल्यू सप्लाई चेन पर भी फोकस रह सकता है। बजट में ग्लोबल वैल्यू सप्लाई चेन पर जोर के साथ ही। मैन्युफैक्चरिंग में ग्लोबल वैल्यू सप्लाई पर फोकस संभव है। शुरुआत में इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर पर फोकस संभव है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक GVS के तहत इलेक्ट्रॉनिक मैनुफैक्चरिंग के 6 पहलुओं पर फोकस रह सकता है। इस बारे में नीति आयोग ने पूरा मसौदा तैयार किया है। बड़े स्केल पर इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर बनाने का प्रस्ताव भी है। एक्सपोर्ट और इंपोर्ट ड्यूटी में तालमेल बैठाया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक नोवेशन, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी और R&D पर विशेष फोकस होगा।
इसके अलावा इस बार के बजट में डीपटेक सेक्टर में फंडिंग और AI के संभावित रिस्क से निपटने के लिए डीपटेक पॉलिसी (DeepTech Policy) के तहत ऐलान हो सकते हैं। पॉलिसी में स्टार्अप्स को टैक्सेशन में राहत देने के साथ एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क बनाने का भी ऐलान हो सकता है ताकि नई टेक्नोलॉजी के लिए सेफ इनवायरमेंट तैयार किया जा सके। अगामी बजट में डीपटेक में इनोवेशन और ग्रोथ को बढ़ाने पर जोर रहेगा। डीपटेक में इनोवेशन और ग्रोथ को NDTSP (नेशनल डीपटेक स्टार्टअप पॉलिसी) के तहत सपोर्ट मिलेगा। आगामी बजट में डीपटेक सेक्टर के लिए ESOPS पर टैक्स में राहत संभव है। इसके अलावा रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) में होने वाले निवेश पर इंसेंटिव भी संभव। 1 फरवरी को आने वाले बजट मेंडीपटेक इकोसिस्टम को मजूबत करने लिए फंडिंग का प्रावधान किया जा सकता है।