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Budget 2025: निर्मला सीतारमण के इन 5 ऐलानों से झूम उठेंगे मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स

इकोनॉमिस्ट्स और इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने सरकार को इनकम टैक्स घटाने की सलाह दी है। उनकी दलील है कि अगर सरकार इनकम टैक्स में कमी करती है तो इससे लोगों के हाथ में खर्च के लिए ज्यादा पैसे बचेंगे। इससे कंजम्प्शन बढ़ेगा

अपडेटेड Jan 12, 2025 पर 4:27 PM
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सरकार सालाना 15-20 लाख तक इनकम पर टैक्स घटा सकती है। अभी इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में सालाना 10 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर सबसे ज्यादा 30 फीसदी टैक्स का रेट लागू होता है।

यूनियन बजट 2025 पेश होने में तीन हफ्ते से कम समय बचा है। वित्तमंत्री 1 फरवरी को इनकम टैक्सपेयर्स को राहत दे सकती हैं। इकोनॉमिस्ट्स और इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने सरकार को इनकम टैक्स घटाने की सलाह दी है। उनकी दलील है कि अगर सरकार इनकम टैक्स में कमी करती है तो इससे लोगों के हाथ में खर्च के लिए ज्यादा पैसे बचेंगे। इससे कंजम्प्शन बढ़ेगा। जीडीपी ग्रोथ तभी बढ़ेगी जब इकोनॉमी में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के इन 5 ऐलान से टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिल सकती है।

1. इनकम टैक्स रेट्स में कमी

सूत्रों का कहना है कि सरकार सालाना 15-20 लाख तक इनकम पर टैक्स घटा सकती है। अभी इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में सालाना 10 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर सबसे ज्यादा 30 फीसदी टैक्स का रेट लागू होता है। इनकम टैक्स की नई रीजीम में सालाना 15 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले कुछ सालों में जिस तरह से महंगाई बढ़ी है, उससे दिल्ली,मुंबई, बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में 15-20 लाख रुपये तक की सालाना इनकम वाले परिवारों को गुजारा करने में दिक्कत आ रही है। इसलिए उन पर टैक्स कम करन की जरूरत है।

2. स्टैंडर्ड डिडक्शन


स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा सिर्फ नौकरी करने वाले लोगों को मिलता है। इनकम टैक्स चुकाने में नौकरी करने वाले लोग सबसे आगे रहते हैं, क्योंकि एप्लॉयर हर महीने टैक्स काटने के बाद एंप्लॉयीज के बैंक अकाउंट में सैलरी का पैसा भेजता है। उधर, महंगाई खासकर खानेपीने की चीजों की कीमतें बढ़ने से नौकरी करने वाले लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में अगर सरकार 1 फरवरी को यूनियन बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन का दावा करती है तो इससे नौकरी करने वाले लोगों को काफी राहत मिलेगी। अभी इकनम टैक्स की ओल्ड रीजीम का इस्तेमाल करने वाले टैक्सपेयर्स को 50,000 रुपये और नई रीजीम का इस्तेमाल करने वाले टैक्सपेयर्स को 75,000 रुपये का डिडक्शन मिलता है।

3. सीनियर सिटीजंस को राहत

सरकार को सीनियर सिटीजंस के लिए एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ानी चाहिए। अभी इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में 2.5 रुपये से ज्यादा सालाना आय पर टैक्स लगता है। नई रीजीम में सालना 3 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर टैक्स लगता है। सीनियर सिटीजंस के लिए अलग से एग्जेम्प्शन लिमिट नहीं है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को नई रीजीम में सीनियर सिटीजंस के लिए टैक्स एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ाकर 10 लाख कर देनी चाहिए। ओल्ड रीजीम में सीनियर सिटीजंस के लिए एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ाकर सालाना 7 लाख रुपये कर देना चाहिए।

4. होम लोन पर ज्यादा डिडक्शन

अभी होम लोन के इंटरेस्ट और प्रिसिंपल दोनों पर डिडक्शन मिलता है। यह सिर्फ इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम का इस्तेमाल करने वाले टैक्सपेयर्स को मिलता है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है सेक्शन 24बी के तहत इंटरेस्ट पर मिल रहे सालाना 2 लाख रुपये के डिडक्शन को बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने की जरूरत है। होम लोन के प्रिंसिपल पर सेक्शन 80 के तहत डिडक्शन मिलता है। चूंकि सेक्शन 80सी के तहत पहले से करीब एक दर्जन इनवेस्टमेंट ऑप्शन है, जिससे प्रिंसिपल पर डिडक्शन के लिए नई कैटेगरी बनाई जानी चाहिए।

5. हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम पर टैक्स बेनेफिट

इनकम टैक्स के सेक्शन 80डी के तहत हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम पर डिडक्शन मिलता है। अगर किसी व्यक्ति की उम्र 60 साल से कम है तो उसे हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम पर सलाना 25,000 रुपये का डिडक्शन क्लेम करने की इजाजत है। अगर व्यक्ति की उम्र 60 साल या इससे ज्यादा है तो उसे हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम पर 50,000 रुपये डिडक्शन की इजाजत है। इसे बढ़ाने की जरूरत है। 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए इसे बढ़ाकर 50,000 रुपये और 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए 75,000 रुपये किया जाना चाहिए।

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