Budget expectation : संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो चुकी है। कल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन देश का बजट पेश करेगी। थोड़ी देर में लोकसभा में पेश होगा इकोनॉमिक सर्वे वित्त वर्ष 2026 में इकोनॉमी में सुस्ती की बात कही जा सकती है। साथ ही एग्री,एक्सपोर्ट, रुरल, सोशल वेलफेयर जैसे मुद्दों पर भी विस्तार से बात की जा सकती है। AI जैसे फ्यूचरिक्टिक विषयों पर भी इकोनॉमिक सर्वे में जिक्र हो सकता है। इकोनॉमिक सर्वे से कल पेश होने वाले बजट के लिए क्या संकेत आ सकते हैं। आइए ये जानने की कोशिश करते हैं।
बजट सत्र से पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि ये बजट देश के विकास का आधार रखेगा। 2047 तक देश विकसित होकर रहेगा। साथ ही उन्होंने आर्थिक गतिविधियों के रोडमैप और नारी शक्ति पर भी बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने बजट से पहले अपने बड़े बयान में कहा है कि उनके तीसरे कार्यकाल का पहला बजट कल पेश होगा। देश के लोगों का सरकार पर भरोसा कायम है। बजट विकास का आधार रखने वाला होगा। नारी शक्ति को पूर्ण सम्मान उनका हक है। ये बजट देश के विकास का आधार रखेगा। लोगों में विश्वास पैदा करेगा और नई ऊर्जा देगा। तीन 'I' आर्थिक गतिविधि के रोडमैप का आधार हैं। तीन 'I' यानी इनोवेशन और इनक्लूजन, इन्वेस्टमेंट। नारी शक्ति के गौरव को दोबारा स्थिपित करेंगे। हर नारी को सम्मानपूर्ण जीवन मिले यह सुनिश्चित करेंगे।
बजट सत्र से पहले राष्ट्रपति ने कहा कि आज हम दुनिया की तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनने जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा आज देश बड़े निर्णयों, नीतियों की तरफ बढ़ रहा है। स्वामित्व योजना के तहत 2.25 करोड़ कार्ड जारी किए गए हैं। हम दुनिया की तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनने जा रहे हैं। सरकार ने मिडिल क्लास के योगदान को सराहा है। सराकारी कर्मियों के लिए 8वें वेतन आयोग का गठन किया गया है। RERA जैसे कानून से मिडिल क्लास को सुरक्षा मिल रही है। टैक्स में पारदर्शिता के लिए फेसलेस मूल्यांकन किया जा रहा है। ड्रोन दीदी से महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण हुआ है। स्टार्टअप हर क्षेत्र में युवाओं के शानदार काम का नतीजा हैं। आज देश में 1.5 लाख से अधिक स्टार्टअप हैं। AI और डिजिटल तकनीक में भारत में तेजी से काम हो रहा है।
FM ने आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया
FM ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश कर दिया है। इसमें वित्त वर्ष FY26 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान 6.3-6.8 फीसदी रखा गया है। आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में कहा गया है कि रिटेल महंगाई के लक्षित स्तर पर बने रहने की उम्मीद है। महंगाई दर की स्थिति संतुलित स्तर पर बरकरार है। ट्रेड आउटलुक में अनिश्चितता बरकरार रहना संभव है। इसमें आगे कहा गया है कि ट्रेड आउटलुक में अनिश्चितता बरकरार रहना संभव है। Near-Term में ग्लोबल ग्रोथ प्रभावित रह सकती है। FY26 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान 6.3-6.8 फीसदी है। घरेलू मोर्चे पर ग्रामीण मांग में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। रूरल डिमांड बढ़ने से खपत में बढ़ोतरी होगी। ग्लोबल कमोडिटी कीमतें घटने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में खाद्य महंगाई में नरमी दिख सकती है। चुनौतियों के बावजूद वित्त वर्ष 2017 से वित्त वर्ष 2023 की अवधि में मजबूत ग्रोथ देखने को मिली है। सर्विस सेक्टर में लगातार ग्रोथ बरकरार है। मैन्युफैक्चरिंग के मोर्चे पर काफी चुनौतियां हैं। ग्लोबल चुनौतियों के बावजूद देश से होने वाला एक्सपोर्ट बढ़ा है।
आर्थिक सर्वे से बजट के लिए बड़े संकेत
बजट में मिडिल क्लास पर फोकस हो सकता है। इनकम टैक्स में राहत मिलने की उम्मीद। एग्री पर फोकस बढ़ने के संकेत। मैन्युफैक्चरिंग पर विशेष जोर हो सकता है। एक्सपोर्टर्स को भी रात मिलने की उम्मीद है। सीएनबीसी-आवाज के असीम मनचंदा ने बताया कि बजट में कृषि क्षेत्र के अंदर बड़े सुधारों पर फोकस होगा। कृषि इंफ्रा को विकसित करने की दिशा में काम हो सकता है। नई सरकार ने किसानो के हित में अब तक 26 फैसले लिए हैं। जिनकी कुल अनुमानित लागत 6 लाख करोड़ रुपए है। सरकार का डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन पर बड़ा फोकस हो सकता है। नेचुरल फार्मिंग को भी बढ़ावा देने की तैयारी है। अब किसानों की आय बढ़ाने पर फोक्स होगा। कृषि क्षेत्र में पिछले 5 सालों में करीब 5 परसेंट की ग्रोथ देखने को मिली है। बजट में कृषि और उससे ज़ड़े हुए सेक्टरों पर खास ध्यान हो सकता है।