अगर किसी टैक्सपेयर की इनकम में कैपिटल गेंस या लॉटरी से इनकम शामिल है तो 12 लाख तक की इनकम होने पर भी उसे टैक्स चुकाना होगा। इसकी वजह यह है कि सेक्शन 87ए के तहत रिबेट स्पेशल रेट वाली इनकम पर लागू नहीं होगा। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस, लॉटरी से हुई इनकम स्पेशल रेट वाली इनकम मानी जाती हैं।
स्पेशल टैक्स पर लागू नहीं होता है सेक्शन 87ए
टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि सेक्शन 87ए के तहत मिलने वाला रिबेट लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस पर लागू नहीं होता है। इनकम टैक्स के सेक्शन 111ए का प्रावधान शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस पर लागू होता है। सेक्शन 112 का प्रावधान लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स पर लागू होता है। शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर टैक्स के अलग रेट हैं। इसलिए सेक्शन 87ए के तहत मिलने वाला रिबेट ऐसे इनकम पर लागू नहीं होता है।
ऐसे देना पड़ेगा रिबेट के बाद भी टैक्स
इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है। मान लीजिए किसी टैक्सपेयर्स की इनकम 12 लाख रुपये है। लेकिन, सैलरी से इनकम 10 लाख रुपये है। बाकी 2 लाख रुपये के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस की इनकम है। ऐसी स्थिति में सेक्शन 87ए के तहत मिलने वाला रिबेट सिर्फ 10 लाख रुपये की इनकम पर लगेगा। 2 लाख रुपये के कैपिटल गेंस पर अलग रेट से टैक्स लगेगा। चूंकि, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के रेट 12.5 फीसदी है तो इस पर उस हिसाब से टैक्स लगेगा।
ज्यादातर टैक्सपेयर्स को मिलेगा फायदा
टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसी स्थितियां कुछ टैक्सपेयर्स के साथ होती है। जिन लोगों को सिर्फ सैलरी से इनकम होती है, उन्हें सेक्शन 87ए के तहत रिबेट का पूरा फायदा मिलेगा। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को कहा कि सालाना 12 लाख रुपये की इनकम पर टैक्स नहीं देना पड़ेगा। ऐसे लोगों को सेक्शन 87ए के रिबेट का फायदा मिलेगा। सरकार ने इस सेक्शन के तहत मिलने वाले रिबेट को बढ़ाया है।
सरकार ने सेक्शन 87ए के तहत रिबेट बढ़ाया
अभी इनकम टैक्स की नई रीजीम में सालाना 7 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स जीरो हो जाता है। इसकी वजह यह है कि 7 लाख रुपये तक की इनकम पर सेक्शन 87ए के तहत रिबेट मिलता है। यह रिबेट 25,000 रुपये है। 1 फरवरी को वित्तमंत्री ने 12 लाख तक की इनकम पर टैक्स जीरो करने के लिए रिबेट को बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दिया है।