इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम पर लगने जा रहा है ताला! होम लोन लेने वालों का क्या होगा?
1 फरवरी को वित्तमंत्री ने 12 लाख रुपये की इनकम पर जीरो टैक्स का ऐलान किया। साथ ही उन्होंने नई रीजीम में स्लैब में भी बदलाव किया। स्लैब में बदलाव से नई रीजीम में टैक्सपेयर्स पर टैक्स कम हुआ है। इसे आगे इस रीजीम में टैक्सपेयर्स की दिलचस्पी बढ़ सकती है
सरकार ने 2023, 2024 और अब 2025 के यूनियन बजट में नई टैक्स रीजीम को अट्रैक्टिव बनाने के ऐलान किए हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का 1 फरवरी का बजट भाषण 1 घंटा 14 मिनट का था। इस बजट को इनकम टैक्स में राहत के बड़े ऐलान के लिए लंबे समय तक याद किया जाएगा। मिडिल क्लास को शायह ही इस बात की उम्मीद थी कि वित्तमंत्री सालाना 12 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स-फ्री कर देंगी। बजट से पहले बातें हो रही थी कि सरकार सालाना 10 लाख रुपये तक की इनकम वाले लोगों के लिए टैक्स जीरो कर सकती है। लेकिन, वित्तमंत्री ने करीब 2.75 लाख रुपये ज्यादा इनकम वाले लोगों के लिए टैक्स जीरो कर दिया है। लेकिन, एक घंटे से ज्यादा लंबे बजट भाषण में इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम का जिक्र नहीं आया। क्या ओल्ड रीजीम पर ताला लगने जा रहा है?
सरकार का फोकस नई रीजीम पर
मनीकंट्रोल ने यह सवाल कई टैक्स एक्सपर्ट से पूछा। ज्यादातर का मानना था कि सरकार औपचारिक रूप से ओल्ड टैक्स रीजीम को अभी खत्म नहीं करने जा रही है। लेकिन, सरकार ने जो तरीका अपनाया है, उससे ओल्ड टैक्स रीजीम अपने आप खत्म हो जाएगी। पिछले कुछ सालों में यूनियन बजट में टैक्स को लेकर हुए ऐलान से इसका संकेत मिलता है। सरकार ने 2023, 2024 और अब 2025 के यूनियन बजट में नई टैक्स रीजीम को अट्रैक्टिव बनाने के ऐलान किए हैं।
72 फीसदी इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स कर रहे इस्तेमाल
नई टैक्स रीजीम पर सरकार के फोकस का असर दिखा है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के डेटा के मुताबिक, 2023-24 का इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वाले इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स में से 72 फीसदी लोगों ने इनकम टैक्स की नई रीजीम का इस्तेमाल किया। यह इस बात का संकेत है कि इनकम टैक्स की नई रीजीम में टैक्सपेयर्स की दिलचस्पी बढ़ रही है। नई रीजीम की शुरुआत 2020 में हुई थी। उसके बाद 1-2 साल तक इनकम टैक्सपेयर्स ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई थी।
पुरानी रीजीम में घटेगी दिलचस्पी
1 फरवरी को वित्तमंत्री ने 12 लाख रुपये की इनकम पर जीरो टैक्स का ऐलान किया। साथ ही उन्होंने नई रीजीम में स्लैब में भी बदलाव किया। स्लैब में बदलाव से नई रीजीम में टैक्सपेयर्स पर टैक्स कम हुआ है। इसका मतलब है कि इस रीजीम में आगे टैक्सपेयर्स की दिलस्पी बढ़ने जा रही है। जैसे-जैसे इस रीजीम में टैक्सपेयर्स की दिलचस्पी बढ़ेगी, वैसे-वैसे पुरानी रीजीम की जरूरत खत्म होती जाएगी।
पुरानी रीजीम हालांकि अब भी उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जिन्होंने होम लोन लिया है। अगर किसी टैक्सपेयर्स ने होम लिया है तो इस पर मिलने वाले डिडक्शन से उसका टैक्स काफी घट जाता है। कई टैक्सपेयर्स तो सिर्फ इसलिए होम लोन लेकर घर खरीदने में दिलचस्पी दिखाते हैं, क्योंकि एक तो इससे उनका टैक्स घट जाता है और दूसरा उनका अपने घर का सपना पूरा हो जाता है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे लोगों के लिए ओल्ड रीजीम जारी रहेगी।