सरकार नौकरी करने वाले लोगों को बड़ा तोहफा देने जा रही है। यूनियन बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाएंगी। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार के इनकम टैक्स की नई रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाने की ज्यादा उम्मीद है। इससे नौकरी करने वाले करोड़ों लोगों को फायदा होगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मिडिल क्लास को टैक्स से राहत देने का सबसे आसान तरीका यह है कि स्टेंडर्ड डिडक्शन बढ़ा दिया जाए।
क्या है स्टैंडर्ड डिडक्शन?
स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) का फंडा बहुत आसान है। इसके लिए ज्यादा कैलकुलेशन की जरूरत नहीं पड़ती है। स्टैंडर्ड डिडक्शन का अमाउंट नौकरी करने वाले व्यक्ति की ग्रॉस सैलरी से घटा दिया जाता है। पेंशनर्स को भी स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिलता है। टैक्सपेयर्स को स्टैंडर्ड डिडक्शन क्लेम करने की भी जरूरत नहीं पड़ती है। एंप्लॉयर खुद एंप्लॉयी की ग्रॉस सैलरी से स्टैंडर्ड डिडक्शन का अमाउंट घटाकर उसके टैक्स का कैलकुलेशन करता है। इस तरह टैक्सपेयर्स को फायदा अपने आप मिल जाता है।
अभी इनकम टैक्स की नई रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन 75,000 रुपये है। पुरानी रीजीम में यह 50,000 रुपये है। टैक्सपेयर्स की सैलरी चाहे कम हो या ज्यादा, उसे स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ एक समान तरीके से मिलता है। इसे एक उदाहरण की मदद से समझा जा सकता है। मान लीजिए A की ग्रॉस सैलरी 9 लाख रुपये है। B की ग्रॉस सैलरी 5 लाख रुपये है। भले ही ए और बी की सैलरी में काफी फर्क है, लेकिन दोनों को स्टैंडर्ड डिडक्शन का एक समान फायदा मिलेगा। अगर ए और बी इनकम टैक्स की नई रीजीम का इस्तेमाल करते हैं तो उनकी ग्रॉस सैलरी से 75,000 रुपये घटाने के बाद ही उनके टैक्स का कैलकुलेशन होगा।
नई रीजीम में कितना है स्टैंडर्ड डिडक्शन?
सरकार ने 2020 में इनकम टैक्स की नई रीजीम की शुरुआत की थी। तब इसमें स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा नहीं मिलता था। सरकार ने यूनियन बजट 2023 में नई रीजीम में भी स्टैंडर्ड डिडक्शन देने का ऐलान किया। तब यह 50,000 रुपये था। 23 जुलाई, 2024 को पेश फुल बजट में सरकार ने इसे बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया। सरकार ने सिर्फ नई रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाकर 75,000 रुपये किया। इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम में यह अब भी 50,000 रुपये है।
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स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाने का क्या असर होगा?
Tax Connect Advisory Services LLP के पार्टनर विवेक जालान ने बताया, "आज जो महंगाई का हाल है, उसमें 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन नाकाफी है। सैलरीड क्लास को उम्मीद है कि सरकार नई टैक्स रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाकर 1 लाख रुपये करेगी।" अगर सरकार सिर्फ नई रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाती है तो इससे टैक्सपेयर्स की दिलचस्पी नई टैक्स रीजीम के इस्तेमाल में बढ़ेगी।