ब्रोकरेज फर्मों का मानना है कि यूनियन बजट में सरकार का फोकस कंजम्प्शन बढ़ाने के उपायों पर होगा। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को इनकम टैक्स में कमी का भी ऐलान कर सकती हैं, क्योंकि इससे कंजम्प्शन बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ घटकर 5.4 फीसदी पर आ गई। इकोनॉमिस्ट्स ने सरकार को जीडीपी ग्रोथ बढ़ाने के लिए बजट में बड़े कदम उठाने की सलाह दी है। ब्रोकरेज फर्मों का कहना है कि ग्रोथ बढ़ाने के सरकार के उपायों का पॉजिटिव असर कुछ सेक्टर की कंपनियों पर पड़ेगा।
ग्रामीण इलाकों में इनकम बढ़ाने के होंगे उपाय
Citi ने कहा है कि बजट में सरकार का फोकस इकोनॉमी में साइक्लिकल स्लोडाउन रोकने पर होगा। सरकार ग्रामीण इलाकों में लोगों की इनकम बढ़ाने के लिए सरकारी स्कीमों के लिए आवंटन बढ़ा सकती है। इससे कंज्यूमर स्टैपल्स और एग्रीकल्चरल इनपुट कंपनियों को फायदा हो सकता है। Philip Capital ने यूनियन बजट में इनकम टैक्स के रेट्स में कमी की उम्मीद जताई है। उसका मानना है कि सरकार फर्टिलाइजर्स सब्सिडी बढ़ा सकती है। सरकार इंश्योरेंस कंपनियों को आर्थिक मदद दे सकती है। साथ ही हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर टैक्स घटा सकती है। इससे फर्टिलाइजर्स, इंश्योरेंस और हेल्थकेयर कंपनियों के शेयरों में तेजी आ सकती है।
इनकम टैक्स घटाने से डिमांड बढ़ेगी
Jefferies का कहना है कि सरकार अगर वेल्फेयर स्कीम के लिए ऐलोकेशन बढ़ाती है तो इसका पॉजिटिव असर सीमेंट और रूरल इकोनॉमी से जुड़ी कंपनियों को हो सकता है। इनमें Bharti Airtel, Ultratech Cement और TVS Motor शामिल हैं। इन कंपनियों के शेयरों में तेजी दिख सकती है। जेफरीज और सिटी दोनों का कहना है कि अगर सरकार 10 लाख से 20 लाख रुपये सालाना इनकम वाले टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स घटाती है तो इससे डिमांड बढ़ेगी। इसका फायदा Jubilant FoodWorks, Devyani International, Trent, V-Guard, Havells और Maruti Suzuki India जैसी कंपनियों को हो सकता है।
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रोजगार के मौके बढ़ाने के होंगे उपाय
Axis Securities का अनुमान है कि बजट में सरकार का फोकस रोजगार के मौके पैदा करने पर होगा। सरकार उन सेक्टर के लिए मदद का ऐलान कर सकती है, जिनमें नौकरियों के ज्यादा मौके पैदा करने की क्षमता है। इसका फायदा इंफ्रास्ट्रक्चर और कंज्यूमर से जुड़ी कंपनियों को होगा। जेफरीज का अनुमान है कि सरकार सब-कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग को PLI स्कीम के दायरे में ला सकती है। इसका फायदा Syrma SGS, Kaynes Tech और Amber Enterprise जैसी कंपनियों को मिल सकता है।