Union Budget 2026: पीएचडीसीसीआई ने 30 लाख तक की इनकम पर 20% टैक्स की मांग की, जानिए क्या होगा फायदा

PHDCCI ने सरकार को इनकम टैक्स के स्लैब में बदलाव करने की सलाह दी है। उसने कहा है कि सालाना 30 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स घटाकर 20 फीसदी, सालाना 50 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स घटाकर 25 फीसदी और इससे ज्यादा की सालाना इनकम पर 30 फीसदी टैक्स रखा जा सकता है

अपडेटेड Nov 17, 2025 पर 1:55 PM
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वित्तमंत्री यूनियन बजट 2026 अगले साल 1 फरवरी को पेश कर सकती हैं।

यूनियन बजट 2026 तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले हफ्ते की शुरुआत में प्रमुख इकोनॉमिस्ट्स के साथ इस बारे में चर्चा की। इस बीच, इंडस्ट्री ने नए यूनियन बजट से अपनी उम्मीदों के बारे में बताया है। प्रमुख उद्योग चैंबर पीएचडीसीसीआई ने फाइनेंस मिनिस्ट्री को यूनियन बजट 2026 से जुड़ी अपनी उम्मीदों के बारे में बताया है। उद्योग चैंबर का कहना है कि अगर सरकार अगले साल फरवरी की शुरुआत में पेश होने वाले बजट में डायरेक्ट इनडायरेक्ट टैक्स में रिफॉर्म्स करती है तो इससे इकोनॉमी को बड़ा फायदा होगा।

पर्सनल इनकम टैक्स रेट्स घटाने की सलाह

PHDCCI ने सरकार से Income Tax के स्लैब में बदलाव करने की सलाह दी है। उसने कहा है कि सालाना 30 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स घटाकर 20 फीसदी, सालाना 50 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स घटाकर 25 फीसदी और इससे ज्यादा की सालाना इनकम पर 30 फीसदी टैक्स रखा जा सकता है। उसने कहा है कि इससे मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ कम होगा। साथ ही इनकम टैक्स कंप्लायंस भी बढ़ेगा।


शेयर बायबैक पर टैक्स के नियम में बदलाव की मांग

उद्योग चैंबर ने सरकार को एपेलेट ऑर्डर्स के लिए टाइम लिमिट तय करने की भी सलाह दी है। उसने शेयर बायबैक के नियमों में भी बदलाव करने की मांग की है। उसने कहा है कि शेयर बायबैक से होने वाले मुनाफे को डिविडेंड इनकम मानने की जगह इसे कैपिटल गेंस मानना चाहिए। फिर इस पर कैपिटल गेंस टैक्स के नियम लागू होने चाहिए। पीएचडीसीसीआई का मानना है कि रिवाइज्ड और बिलेटेड रिटर्न फाइल करने के लिए टैक्सपेयर्स को और समय मिलना चाहिए। अभी बिलेटेड और रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए एससेमेंट ईयर की 31 दिसंबर की तारीख तय है।

नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को मिले फिर से टैक्स में रियायत

उसने सरकार से इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 115बीएबी फिर से शुरू करने की भी मांग की है। इस सेक्शन में नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए रियायती 15 फीसदी कॉर्पोरेट टैक्स का प्रावधान था। उद्योग चैंबर का कहना है कि कोविड की वजह से इंडस्ट्रीज इस नियम का पूरा फायदा नहीं उठा सकी। बाद में रियायत खत्म हो गई। इसे फिर से शुरू करने की जरूरत है। इसे देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा।

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यूनियन बजट 2026 में ग्रोथ बढ़ाने के हो सकते हैं बड़े उपाय

वित्तमंत्री यूनियन बजट 2026 अगले साल 1 फरवरी को पेश कर सकती हैं। हालांकि, अभी इसका औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है। पिछले कई सालों से सरकार नए वित्त वर्ष का यूनियन बजट 1 फरवरी को पेश करती है। इस बार के बजट में सरकार का फोकस ग्रोथ बढ़ाने के उपायों पर रहने की उम्मीद है। सरकार इसके लिए बड़े रिफॉरम्स का ऐलान कर सकती है। यूनियन बजट 2025 में वित्तमंत्री ने सालाना 12 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स-फ्री करने का ऐलान किया था।

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