Union Budget FY2025: मैरिड कपल को ज्वाइंट टैक्स रिटर्न फाइलिंग की इजाजत मिलनी चाहिए, जानिए इसके फायदें

ICAI ने मैरिड कपल को ज्वाइंट इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की इजाजत देने का सुझाव दिया है। अमेरिका और इंग्लैंड में इस तरह की सुविधा पति और पत्नी को मिली हुई है। अगर इंडिया में इसे लागू किया जाता है तो टैक्स कंप्लायंस बढ़ेगा। साथ ही परिवारों पर टैक्स का बोझ भी कम होगा

अपडेटेड Jan 27, 2025 पर 3:46 PM
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ज्वाइंट इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग करने वाले मैरिड कपल के लिए टैक्स के अलग स्लैब हो सकते हैं।

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (ICAI) ने मैरिड कपल के लिए ज्वाइंट टैक्स फाइलिंग सुविधा शुरू करने की सलाह दी है। इससे पति-पत्नी सिंगल टैक्सेबेल यूनिट के रूप में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकेंगे। अमेरिका और इंग्लैंड में इस तरह की सुविधा पति-पत्नी को मिलती है। इससे बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स को फायदा होगा। अभी कई ऐसे परिवार हैं, जिनमें पति और पत्नी दोनों पैसे कमाते हैं। ऐसे लोगों को अलग-अलग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना पड़ता है।

मैरिड कपल के लिए दोनों विकल्प होने चाहिए

चार्टर्ड अकाउंटेंट चिराग चौहान ने इस बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट डाला है। इसमें उन्होंने कहा है, "ICAI ने मैरिड कपल को ज्वाइंट इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की इजाजत देने का सुझाव दिया है।" टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि मैरिड कपल को ज्वाइंट या अलग-अलग रिटर्न फाइल करने का विकल्प दिया जा सकता है। इस सिस्टम से ऐसे परिवारों को काफी फायदा होगा, जिसमें पति और पत्नी दोनों की इनकम है। इससे परिवारों की समय की भी बचत होगी। कंप्लायंस भी बढ़ेगा।


मैरिड कपल के लिए अलग टैक्स स्लैब हो सकते हैं

ज्वाइंट इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग करने वाले मैरिड कपल के लिए टैक्स के अलग स्लैब हो सकते हैं। इसमें 6 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स से छूट मिलनी चाहिए। 6-14 लाख रुपये सालाना इनकम पर 5 फीसदी टैक्स लगना चाहिए। 14-20 लाख रुपये सालाना इनकम पर 10 फीसदी टैक्स होना चाहिए। 20-24 लाख इनकम पर 15 फीसदी टैक्स होना चाहिए। 24-30 लाख रुपये सालाना इनकम पर 20 फीसदी टैक्स होना चाहिए। 30 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगना चाहिए।

ज्वाइंट रिटर्न फाइलिंग के ये होंगे फायदें

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि ज्वाइंट टैक्स रिटर्न फाइलिंग से परिवारों की कुल टैक्स लायबिलिटी में कमी आएगी। अमेरिका जैसे देशों में यह सिस्टम लागू है। इससे लोगों को इनकम टैक्स के मामले में काफी आसानी होती है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंडिया में इसे तुरंत लागू करना मुमकिन नहीं है। इसके लिए सरकार को वक्त चाहिए। इसकी वजह यह है कि इसके लिए इनकम टैक्स एक्ट में बदलाव करने होंगे। स्लैब, टैक्स रेट्स, डिडक्शन, एग्जेम्प्शन के नियमों में भी बदलाव करने होंगे।

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टैक्स कंप्लायंस बढ़ाने में भी मिलेगी मदद

सरकार इनकम टैक्स के नियमों को आसान बनाने की कोशिश कर रही है। सरकार इनकम टैक्स एक्ट में भी व्यापक बदलाव करने वाली है। ऐसे में इनकम टैक्स के नए सिस्टम में कपल के लिए ज्वाइंट रिटर्न फाइलिंग की सुविधा शुरू की जा सकती है। इससे कंप्लायंस बढ़ेगा, जिससे सरकार की इनकम भी बढ़ेगी। सरकार टैक्स रेवेन्यू बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को टैक्स नेट के तहत लाना चाहती है।

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First Published: Jan 25, 2025 5:10 PM

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