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निर्मला सीतारमण ने बैंकों को दी बड़ी नसीहत, कहा-स्ट्रॉन्ग बैलेंसशीट से वे इंफ्रास्ट्रक्चर को ज्यादा कर्ज दे सकेंगे

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी में अनिश्चितता बनी हुई है। ऐसे में बैंकों की भूमिका और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है। बैंक न सिर्फ सेविंग्स के कस्टोडियंस हैं बल्कि वे ग्रोथ के इंजन भी हैं। वे बिजनेसेज और आंत्रप्रेन्योर्स को जरूरी कर्ज और मदद देते हैं

अपडेटेड Sep 25, 2025 पर 9:04 PM
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जून तिमाही में इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ 7.8 फीसदी रही। यह बीती पांच तिमाहियों में सबसे ज्यादा ग्रोथ है।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 25 सितंबर को बैंकों को बड़ी नसीहत दी। उन्होंने कहा कि फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस को अपनी बैलेंसशीट स्ट्रॉन्ग रखनी चाहिए। इससे वे इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए ज्यादा कर्ज दे सकेंगे। पुणे में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के 91वें स्थापना दिवस पर उन्होंने ये बातें कहीं।

फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस ग्रोथ के इंजन

Finance Minister Nirmala Sitharaman ने कहा, "बैंक ऑफ महाराष्ट्र जैसे फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस को अपनी बैलेंसशीट स्ट्रॉन्ग बनाए रखना चाहिए ताकि वह इंफ्रास्ट्रक्चर, इंडस्ट्री और इनोवेशन में के लिए बड़ा कर्ज दे सकें।" उन्होंने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी में अनिश्चितता बनी हुई है। ऐसे में बैंकों की भूमिका और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है। बैंक न सिर्फ सेविंग्स के कस्टोडियंस हैं बल्कि वे ग्रोथ के इंजन भी हैं। वे बिजनेसेज और आंत्रप्रेन्योर्स को जरूरी कर्ज और मदद देते हैं। इससे उन्हें उतारचढ़ाव का सामना करने, मौकों का फायदा उठाने और इनोवेशन में मदद मिलती है।


इंडियन इकोनॉमी उतारचढ़ाव का सामना करने में सक्षम

उन्होंने कहा कि को-लेंडिंग से बैंक ऑफ महाराष्ट्र का बिजनेस 15 गुना से ज्यादा बढ़ा है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल अनिश्चितता के बीच इंडिया के अच्छे प्रदर्शन की क्षमता उसे दूसरों से अलग करती है। इंडिया की इकोनॉमी मजबूत है, आबादी में युवाओं की हिस्सेदारी ज्यादा है और इकोनॉमी घरेलू मांग पर ज्यादा निर्भर है। यह इंडियन इकोनॉमी की मुख्य ताकत है। इस वजह से इंडिया वैश्विक अर्थव्यवस्था में उतारचढ़ाव का सामना कर पाता है।

जून तिमाही जीडीपी ग्रोथ 7.8 फीसदी

जून तिमाही में इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ 7.8 फीसदी रही। यह बीती पांच तिमाहियों में सबसे ज्यादा ग्रोथ है। यह ग्रोथ इकोनॉमिस्ट्स की उम्मीद से ज्यादा है। इससे अक्टूबर में रिजर्व बैंक के इंटरेस्ट रेट में कमी करने की उम्मीद घटी है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मुश्किलों के बीच इकोनॉमी के बेहतर प्रदर्शन की क्षमता के पीछ संयोग नहीं है। इसके पीछे सही फिस्कल पॉलिसी और मॉनेटरी पॉलिसी का हाथ है। सरकार ने साहसिक रिफॉर्म्स किए हैं। इंफ्रास्ट्रकर क्रिएशन पर फोकस बढ़ा है।

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ट्रेडर्स ने ग्राहकों को दिया जीएसटी में कमी का फायदा

जीएसटी रिफॉर्म्स के बारे में उन्होंने कहा कि ट्रेडर्स ने इसका फायदा ग्राहकों को दिया है। उनके ग्राहकों को फायदा देने को लेकर किसी तरह की चिंता की जरूरत नहीं है। जब कभी इस तरह के फायदे लोगों को दिए जाते हैं तो लोग खुद इसे देख पाते हैं।

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