सरकार स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) के एंप्लॉयीज के लिए 'डायरेक्ट इनकम सपोर्ट' का ऐलान कर सकती है। इससे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 50 फीसदी टैरिफ से प्रभावित एमएसएमई के एंप्लॉयीज को राहत मिलेगी। एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने मनीकंट्रोल को यह बताया। ट्रंप का अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ 27 अगस्त से लागू हो गया है। अमेरिका को एक्सपोर्ट करने वाले एमएसएमई पर इसका असर पड़ने की आशंका है।
इंसेंटिव प्लान पर अभी चल रही बातचीत
अधिकारी ने कहा, "अभी इस प्रस्ताव पर बातचीत चल रही है। हमें देखना होगा कि इस इंसेटिव को किस तरह से लागू किया जा सकता है...कितना पैसा दिया जा सकता है।" उन्होंने कहा कि सरकार आने वाले महीनों में इस राहत को लागू कर सकती है। उन्होंने कहा कि पहले क्रेडिट-गारंटी के जरिए इनडायरेक्ट सपोर्ट कोलैटरल-फ्री लोन की लिमिट बढ़ाने जैसे उपाय लागू किए जा सकते हैं।
सस्ता कर्ज उपलब्ध कराने का भी प्लान
केंद्र सरकार ने यूनियन बजट 2025-26 में एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन के तहत 25000 करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था। इस पर काम चल रहा है। इस पैकेज के तहत एक्सपोर्टर्स को सस्ता कर्ज और बेहतर मार्केट एक्सेस उपलब्ध कराने का प्लान है। इससे ट्रंप के 50 फीसदी टैरिफ के निगेटिव असर से भी एक्सपोर्ट्स को बचाने में मदद मिलेगी। अधिकारी ने कहा कि इस पैकेज के लिए यूनियन कैबिनेट की मंजूरी जरूरी होगी। इसके अगले कुछ हफ्तों में आ जाने की उम्मीद है।
कोलैटरल-फ्री लोन की लिमिट भी बढ़ सकती है
मनीकंट्रोल ने 12 अगस्त को खबर दी थी कि RBI क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत एमएसएमई के लिए कौलेटरल-फ्री लोन की लिमिट बढ़ा सकता है। इसे 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया जा सकता है। इसका ऐलान इस महीने के अंत या सितंबर की शुरुआत में होने की उम्मीद है। सीजीएस का प्रबंधन क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट करता है। इसे 2010 में शुरू किया गया था। इसमें बैंकों और एनबीएफसी को यह गारंटी मिलती है कि अगर एमएसएमई अगर कोलैटरल-फ्री क्रेडिट स्कीम के तहत मिले लोन को नहीं चुकाता है तो ट्रस्ट बकाया पैसे के 75-90 फीसदी तक का पेमेंट करेगा।
28 अगस्त को एक्सपोर्ट्स ने वित्तमंत्री से मुलाकात की
28 अगस्त को फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशंस (FIEO) की अगुवाई में निर्यातकों का एक प्रतिनिधिमंडल वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से मिला। उसने अमेरिकी टैरिफ से पड़ने वाले असर और चुनौतियों के बारे में वित्तमंत्री को विस्तार से बताया। FIEO का मानना है कि टैरिफ का असर तुरंत एक्सपोर्ट्स पर पड़ेगा।