India-US trade : 50% टैरिफ लगाने के बावजूद अमेरिका के साथ बातचीत के रास्ते बंद नहीं, दोनों तरफ से मिल रहे अच्छे संकेत

Trump tariffs : सूत्रों का कहना है कि दोनों देशों के बीच ट्रेड में आई अड़चनें अस्थायी हैं। एक्सपोर्टर्स को इसको लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। अमेरिका के अलावा दूसरे देशों में पर्याप्त एक्सपोर्ट संभावनाएं हैं। साल के पहले 4 महीने में एक्सपोर्ट में 21.64 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है

अपडेटेड Aug 28, 2025 पर 10:49 AM
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इस मुद्दे पर US के नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल के डायरेक्टर केविन हैसेट का भी एक बड़ा बयान आया है। उनका कहना है कि रूस पर यूक्रेन के साथ शांति समझौते के लिए दबाव बनाया जा रहा है। भारत भी हमारे उत्पादों के लिए अपनी इकोनॉमी नहीं खोल रहा है

India-US trade : अमेरिका की तरफ से भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने के बावजूद बातचीत के रास्ते अभी भी बंद नहीं हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक दोनों देशों के बीच बातचीत के रास्ते अभी भी खुले हैं और दोनों देशों की तरफ से सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। ऐसे में सरकार की रणनीति क्या है इस बात करते हुए सीएनबीसी-आवाज के इकोनॉमिक पॉलिसी एडिटर लक्ष्मण रॉय ने सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के आधार पर बाताया कि ट्रंप टैरिफ से निपटने के उपाय के तौर पर अभी भी US के साथ बातचीत के रास्ते खुले हैं । दोनों देशों की तरफ से सकारात्मक संकेत मिले हैं।

सूत्रों का कहना है कि दोनों देशों के बीच ट्रेड में आई अड़चनें अस्थायी हैं। एक्सपोर्टर्स को इसको लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। अमेरिका के अलावा दूसरे देशों में पर्याप्त एक्सपोर्ट संभावनाएं हैं। साल के पहले 4 महीने में एक्सपोर्ट में 21.64 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। वित्त वर्ष 2026 में एक्सपोर्ट पिछले साल के बराबर यानी 86.5 अरब डॉलर के आसपास ही होगा। एक्सपोर्टर्स को मदद के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। अगले 2 से 3 दिनों तक एक्सपोर्टर्स के साथ बैठक होगी।

भारत पर लगाए गए टैरिफ पर स्कॉट बेसेंट


भारत पर लगाए गए टैरिफ पर अमेरिकी वित्तमंत्री स्कॉट बेसेंट का अहम बयान आया है। इसमें कहा गया है कि भारत-US के रिश्ते काफी जटिल हैं। निजी तौर पर ट्रंप-मोदी के रिश्ते काफी अच्छे हैं। ट्रेड डील के लिए सबसे पहले भारत आया था, लेकिन अब तक डील नहीं हुई है। इस तनाव की वजह सिर्फ रूस का तेल नहीं है। भारत-US के रिश्ते काफी जटिल हैं। स्कॉट बेसेंट को लगता है आखिर में दोनों देश एक साथ आ जाएंगे।

भारत टैरिफ पर केविन हैसेट

इस मुद्दे पर US के नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल के डायरेक्टर केविन हैसेट का भी एक बड़ा बयान आया है। उनका कहना है कि रूस पर यूक्रेन के साथ शांति समझौते के लिए दबाव बनाया जा रहा है। भारत भी हमारे उत्पादों के लिए अपनी इकोनॉमी नहीं खोल रहा है। भारत नहीं झुका तो नहीं लगता ट्रंप भी झुकेंगे। अंतिम स्थिति तक पहुंचने से पहले उतार-चढ़ाव होंगे।

इस बीच व्हाइट हाउस ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो ने कहा है कि अगर भारत रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दे तो कल ही 25 फीसदी छूट मिल सकती है

 

'आखिर में भारत के साथ आ जाएगा अमेरिका', 50% ट्रंप टैरिफ से बढ़े तनाव के बीच बोले अमेरिकी वित्त मंत्री

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