आरबीआई ने 6 अगस्त को अपनी मॉनेटरी पॉलिसी में इस वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ के अपने अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि इस वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है। जून की अपनी मॉनेटरी पॉलिसी में भी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.5 फीसदी था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ को लेकर तस्वीर साफ नहीं है।
अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने घटाए हैं ग्रोथ के अनुमान
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ट्रंप इंडिया पर ज्यादा टैरिफ लगाते हैं या इंडिया से ट्रेड डील में देर होती है तो इसका असर जीडीपी ग्रोथ पर पड़ेगा। ऐसी स्थिति में जीडीपी ग्रोथ आरबीआई के 6.5 फीसदी के अनुमान से कम रह सकती है। दूसरी कई अंतराराष्ट्रीय एजेंसियों ने भी इंडिया की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में कमी की है। उनका मानना है कि फाइनेंशियल ईयर 2025-26 में जीडीपी ग्रोथ पर दबाव दिख सकता है। हालांकि, अगले वित्त वर्ष में इंडिया की जीडीपी ग्रोथ बेहतर रहने का अनुमान है।
आरबीआई को अगले वित्त वर्ष में ग्रोथ बढ़ने की उम्मीद
आरबीई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस वित्त वर्ष में जीडीपी के तिमाही अनुमान में भी बदलाव नहीं किया। उन्होंने कहा कि पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.5 फीसदी रह सकती है। दूसरी तिमाही में यह 6.7 फीसदी, तीसरी तिमाही में 6.6 फीसदी रह सकती है। अंतिम तिमाही में उन्होंने इसके 6.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया। हालांकि, आरबीआई ने कहा कि अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.6 फीसदी रह सकती है।
इंडिया सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाली इकोनॉमी
जानकारों का कहना है कि आरबीआई के ग्रोथ के अनुमान में कमी नहीं करने की वजह यह है कि अभी इकोनॉमी की स्थिति काफी मजबूत है। इंडिया दुनिया में ऐसी अकेली बड़ी इकोनॉमी है, जिसकी जीडीपी ग्रोथ 6 फीसदी से ऊपर बनी हुई है। अगर ट्रंप ज्यादा टैरिफ का ऐलान करते हैं तो भी इसका इंडिया की जीडीपी ग्रोथ पर थोड़ा असर पड़ेगा।
ट्रंप के टैरिफ का ग्रोथ पर नहीं पड़ेगा ज्यादा असर
इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ घरेलू कंजम्प्शन पर ज्यादा और एक्सपोर्ट्स पर कम निर्भर है। यह सही है कि इंडिया सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट्स अमेरिका को करता है। ट्रंप के ज्यादा टैरिफ लगाने पर इंडिया के एक्सपोर्ट पर असर पड़ेगा। इसकी भरपाई इंडिया दूसरे मार्केट्स में अपना एक्सपोर्ट बढ़ाकर करने की कोशिश करेगा।
ट्रंप की कोशिश इंडिया पर दबाव बनाने की
एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि ट्रंप के फैसलों के बारे में पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। वह एक दिन फैसला लेते हैं तो दूसरे दिन उससे पीछे हट जाते हैं उसे बदल देते हैं। माना जा रहा है कि वह इंडिया पर जल्द डील करने का दबाव बनाने के लिए ज्यादा टैरिफ लगाने की धमकी दे रहे हैं। उनकी दिलचस्पी इंडिया से जल्द डील करने में हैं। इंडिया उनकी मंशा समझ रहा है। इंडिया अपनी शर्तों पर डील करना चाहता है।