'कर्तव्य भवनों से सरकार को सालाना 1,500 करोड़ रुपये का किराया बचेगा'; 'Kartavya Bhavan' उद्घाटन समारोह में बोले पीएम मोदी, पढ़ें- बड़ी बातें

Kartavya Bhavan Inaugurates: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (6 अगस्त) को 'कर्तव्य भवन' के उद्घाटन समारोह में कहा कि अमृत काल में कर्तव्य भवनों में विकसित भारत के लिए नीतियां बनाई जाएंगी। पीएम मोदी ने बताया कि साझा केंद्रीय सचिवालय की 10 इमारतों के निर्माण से केंद्र सरकार को सालाना 1,500 करोड़ रुपये का किराया बचेगा

अपडेटेड Aug 06, 2025 पर 7:42 PM
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Kartavya Bhavan Inaugurates: पीएम मोदी ने कहा कि केंद्रीय सचिवालय की 10 इमारतों के निर्माण से केंद्र सरकार को सालाना 1,500 करोड़ रुपये का किराया बचेगा

Kartavya Bhavan Inaugurates: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (6 अगस्त) को 'कर्तव्य भवन' का उद्घाटन किया। यह प्रस्तावित 10 साझा केंद्रीय सचिवालय भवनों में से पहला बिल्डिंग है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को एक ही परिसर में लाना है ताकि प्रशासनिक कार्यकुशलता को बढ़ाया जा सके। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि आधुनिक भारत के निर्माण से जुड़ी एक के बाद एक उपलब्धियां हम देख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अमृत काल में कर्तव्य भवनों में विकसित भारत के लिए नीतियां बनाई जाएंगी। पीएम मोदी ने बताया कि साझा केंद्रीय सचिवालय की 10 इमारतों के निर्माण से केंद्र सरकार को सालाना 1,500 करोड़ रुपये का किराया बचेगा। पिछले 11 सालों में भारत ने एक ऐसा शासन मॉडल तैयार किया है जो पारदर्शी, उत्तरदायी और नागरिक-केंद्रित है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार समग्र दृष्टिकोण के साथ राष्ट्र का पुनर्निर्माण कर रही है।

पढ़ें- पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें


पीएम मोदी ने कहा, "कर्तव्य सिर्फ एक इमारत का नाम भर नहीं है। यह करोड़ों देशवासियों के सपनों को साकार करने की तपोभूमि है। कर्तव्य ही आरंभ है, कर्तव्य ही प्रारब्ध है। करूणा और कर्मणता के स्नेहसूत्र में बंधा कर्म… यही तो है कर्तव्य।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "सपनों का साथ है- कर्तव्य। संकल्पों की आस है- कर्तव्य। परिश्रम की पराकाष्ठा है- कर्तव्य। हर जीवन में जो ज्योति जला दे, वो इच्छाशक्ति है- कर्तव्य। करोड़ों देशवासियों की रक्षा का आधार है- कर्तव्य। मां भारती की प्राण-ऊर्जा की ध्वज वाहक है- कर्तव्य। नागरिक देवो भव का जाप है- कर्तव्य। राष्ट्र के प्रति भक्ति भाव से किया हर कार्य है- कर्तव्य।"

पीएम मोदी ने कहा, "हमें फाइलों को लेकर अपने नजरिए को बदलने की जरूरत है। एक फाइल, एक शिकायत... ये देखने में रोजमर्रा का काम लग सकता है, लेकिन किसी के लिए वही एक कागज उनकी उम्मीद हो सकती है। एक फाइल से कितने ही लोगों का जीवन जुड़ा हो सकता है।"

पीएम मोदी ने कहा, "कितने ही देश, जो हमारे साथ-साथ आजाद हुए थे, वो तेजी से आगे बढ़ गए। लेकिन भारत वैसी तेजी से प्रगति नहीं कर पाया इसके अपने कारण रहे होंगे... लेकिन अब हमारा दायित्व है कि हम समस्याएं आने वाली पीढ़ियों के लिए न छोड़ें।"

कर्तव्य भवन के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "ये केवल कुछ नए भवन और सामान्य इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं हैं। अमृतकाल में इन्हीं भवनों में विकसित भारत की नीतियां बनेंगी, महत्वपूर्ण निर्णय होंगे, आने वाले दशकों में यहीं से राष्ट्र की दिशा तय होगी।"

कर्तव्य भवन-03 की बड़ी बातें

साझा केंद्रीय सचिवालय भवनों में से कर्तव्य भवन-03 पहली इमारत है जिसका बुधवार को प्रधानमंत्री ने उद्घाटन किया। इस इमारत में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी), पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के दफ्तर और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय होगा। वर्तमान में कई प्रमुख मंत्रालय शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन जैसे पुरानी इमारतों में कार्यरत हैं। सरकार के मुताबिक, 1950 और 1970 के दशक के बीच बनाए गए ये भवन अब पुराने हो चुके हैं।

केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की योजना के अनुसार साझा केंद्रीय सचिवालय के अंतर्गत कुल 10 भवनों का निर्माण किया जाना है। यह परियोजना केंद्र सरकार की 'सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना' का हिस्सा है। निर्माणाधीन भवनों में से भवन संख्या-1 और 2 के कार्य अगले माह तक पूरे होने की उम्मीद हैजबकि साझा केंद्रीय सचिवालय (सीसीएस) भवन संख्या 10 का निर्माण कार्य अगले साल अप्रैल तक पूरा हो जाएगा। सीसीएस भवन संख्या छह और सात का कार्य अक्टूबर 2026 तक पूरा किया जाना प्रस्तावित है।

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'सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना' के तहत सरकार पहले ही नया संसद भवन, उपराष्ट्रपति एन्क्लेव और विजय चौक से इंडिया गेट तक फैले कर्तव्य पथ का पुनर्विकास कर चुकी है। साझा केंद्रीय सचिवालय के अतिरिक्त, सरकार एक 'एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव' का निर्माण भी कर रही है। इसमें नया प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), कैबिनेट सचिवालय, इंडिया हाउस और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय होंगे। एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव के दूसरे चरण के अंतर्गत प्रधानमंत्री का नया आवास भी बनाया जाएगा।

Akhilesh Nath Tripathi

Akhilesh Nath Tripathi

First Published: Aug 06, 2025 7:19 PM

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