अपने छात्रों के बीच नीतू मैम के नाम से लोकप्रिय नीतू सिंह, हाल के SSC Protest 2025 की सबसे मुखर आवाज रही हैं। लेकिन आपको जानकर शायद हैरानी होगी कि ये सही के आवाज बुलंद करने की ये उनकी पहली लड़ाई नहीं है। उनकी निजी और पेशेवर दोनों जिंदगी सबकुछ थी, सिवाय आसान होने के।
दिल्ली के केडी कैंपस की वायरल इंग्लिश टीचर, सिफ शिक्षक नहीं हैं। वो मजबूती और लचीलेपन का प्रतीक हैं। उनकी प्रेरणा देती मुस्कान और बेमिसाल सफलता के पीछे छुपी है संघर्ष, धोखे और अंतिम विजय की कहानी।
झारखंड के गिरिडीह में जन्मी नीतू पर उस समय दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, जब अचानक उनके पिता की रोड एक्सिडेंट में मौत हो गई। तब वह मात्र तीन साल की थीं, परिवार को मां और बड़े भाई ने संभाला। छह बहनों के साथ आर्थिक तंगहाली में बड़ी हुई नीतू ने बहुत कम उम्र में दृढ़ता का सबक सीख लिया। चुनौतियों के बावजूद नीतू पढ़ाई में अव्वल रहीं और कार्मल कॉन्वेंट (गिरिडीह) में शुरुआती पढ़ाई पूरी की। उसके बाद सेंट जॉन्स स्कूल (वाराणसी) और फिर विनोबा भावे यूनिवर्सिटी में पढ़ीं। अपना रास्ता खुद बनाने की जिद ठाने बैठी नीतू इसके बाद दिल्ली आ गईं। यहां उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी की डिग्री ली।
मगर उनकी ये सफलता एक बेरहम ट्विस्ट के साथ आई। 2 अगस्त, 2015 को उनका शादीशुदा रिश्ता तब बिगड़ गया, जब उनके पति राजीव सौमित्र ने उन पर कथित तौर पर हमला करने के लिए बाउंसर भेजे और पैमाउंट से उन्हें बाहर निकाल दिया। नीतू पैरामाउंट की सह संस्थापक और 50% की हिस्सेदार थीं। इस घटना से बुरी तरह हिल गईं। मगर उन्होंने हार नहीं मानी।
केडी कैंपस और केडी लाइव के साथ की वापसी
2015 में नीतू ने अपनी जिंदगी की नए सिरे से शुरुआत की। दिल्ली के मुखर्जी नगर में 2015 में उन्होंने अपने पिता किशोर देव के नाम पर केडी कैंपस की शुरुआत की। यहां से कई एसएससी टॉपर निकले, जिससे संस्थान को प्रसिद्धि मिलने में बहुत समय नहीं लगा।
2020 में जब कोविड 19 महामारी आई, तो उन्होंने केडी लाइव के साथ ऑनलाइन शिक्षा की शुरुआत की। आज उनके यूट्यूब चैनल के लगभग 20 लाख सबस्क्राइबर हैं और उनके हजारों छात्र सरकारी नौकरी पा चुके हैं। पढ़ाने के अलावा उन्होंने अपना जीवन वंचित परिवारों, अनाथों और बुजुर्गों की मदद करने के लिए समर्पित कर दिया है।
पिता को खोने से लेकर विश्वासघात और पेशेवर असफलताओं को सहने का नीतू मैम का ये सफर लचीलेपन की ताकत की मिसाल है। उन्होंने हर मुश्किल को अवसर में बदल दिया।