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CUET लागू होने के बाद से DU में लड़कों के मुकाबले ज्यादा लड़कियों ने लिया प्रवेश

आंकड़ों के मुताबिक 2022 में जब से दिल्ली विश्वविद्यालय में CUET लागू हुआ है, तब से इसमें लड़कों के मुकाबले लड़कियों का प्रवेश बढ़ा है। यह जानकारी संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में राज्य शिक्षा मंत्री डॉ सुकांत मजुमदार ने दी है।

अपडेटेड Aug 05, 2025 पर 1:06 PM
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दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में 2022 में कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) प्रणाली लागू होने के बाद से स्नातक (Undergraduate) पाठ्यक्रमों में लड़कों के मुकाबले लड़कियों के प्रवेश लेने की दर में बढ़ोतरी देखने को मिली है। यह जानकारी सरकारी आंकड़ों से मिली है।

संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री राज्य डॉ सुकांत मजुमदार ने बताया कि सीयूईटी (यूजी) के लिए महिला अभ्यर्थियों की संख्या में लगातार इजाफा दर्ज किया गया है। 2022-23 में जहां ये 4.29 लाख था, जो 2023-24 में बढ़कर 5.13 लाख हो गई और 2024-25 में 5.94 लाख पर पहुंच गई। बता दें कि सीयूईटी को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत 2020 में प्रवेश प्रक्रिया को आसान बनाने के मकसद से लागू किय गया था।

संसद में पूछे गए सवाल, ‘क्या CUET ने छात्राओं के नामांकन पर, विशेषकर दूरदराज के क्षेत्रों से, नकारात्मक प्रभाव डाला है?’ के जवाब में शिक्षा मंत्रालय की ओर से ये जानकारी दी गई। डॉ मजुमदार ने कहा कि वास्तव में, प्रवृत्ति इसके विपरीत रही है। शैक्षणिक वर्ष 2022-23, 2023-24 और 2024-25 के लिए, प्रवेश पाने वाली लड़कियों की संख्या क्रमशः 34,010, 36,126 और 39,242 रही। जबकि इन्हीं वर्षों में पुरुषों के प्रवेश की संख्या क्रमशः 30,662, 32,425 और 33,124 रही।

सीयूईटी के तहत जहां पहले साल प्रवेश प्रक्रिया में 90 संस्थानों ने हिस्सा लिया था, वहीं अब इसे केंद्रीय, राज्य, डीम्ड और निजी संस्थानों समेत 240 यूनिवर्सिटी ने मंजूर कर लिया है। छात्राओं की संख्या में यह वृद्धि सिर्फ डीयू तक ही सीमित नहीं है। ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन (AISHE) के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाली लड़कियों संख्या 2020-21 में 4.09 लाख से बढ़ कर 2022-23 में 4.91 लाख तक पहुंच गई है।

यह आंकड़े उन दावों को खारिज करते हैं जिनके मुताबिक सीयूईटी छात्राओं, खासतौरसे वंचित वर्ग की लड़कियों के रास्ते में रुकावट बन रहा है। इसके बजाय यह संकेत देता है कि मानकीकृत प्रवेश तंत्र से उच्च शिक्षा तक पहुंच बढ़ सकती है। आंकड़ों के मुताबिक इस साल भी डीयू में ये ट्रेंड जारी रहा। 2025 के लिए स्नातक प्रवेश के पहले दौर में, 62,565 छात्रों ने अपनी सीटें पक्की कीं। इनमें से 34,014 छात्राएं और 28,551 छात्र थे।

इस साल प्रवेश की पुष्टि करने वाले छात्रों में 949 सिंगल लड़कियां हैं, जबकि 143 अनाथ अभ्यर्थी शामिल हैं। इनमें 77 लड़कियां हैं और 66 लड़के शामिल हैं। ये दाखिले CUET UG 2025 के अंकों के आधार पर कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम (CSAS) के माध्यम से किए गए। डीयू के अधिकारियों ने बताया कि 16,126 छात्रों ने अपनी सीटें सुरक्षित कर ली हैं, जबकि 43,741 ने अपग्रेड का विकल्प चुना है।


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