UP Board News: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UP Board) ने कक्षा 9वीं और 11वीं के छात्रों के लिए एडवांस रजिस्ट्रेशन प्रोसेस के दौरान ट्रांसफर सर्टिफिकेट (TC) वेबसाइट पर अपलोड करने के नियमों में ढील दी है। अब केवल दूसरे स्कूलों से आने वाले छात्रों की ही टीसी अपलोड करना अनिवार्य होगा। यूपी बोर्ड ने कक्षा 9वीं और कक्षा 11वीं के छात्रों के लिए एडवांस रजिस्ट्रेशन प्रोसेस के दौरान स्कॉलर रजिस्टर (SR) और ट्रांसफर सर्टिफिकेट (TC) की तस्वीरें अपलोड करने की अनिवार्यता को वापस ले लिया है।
यह निर्णय स्कूल मैनेजमेंट और शिक्षक संघों की लगातार मांगों के बाद लिया गया है। उन्होंने गोपनीय दस्तावेजों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने पीटीआई को बताया, "स्कूलों के प्रिंसिपल ने टीसी अपलोड करने में आ रही दिक्कतों को लेकर कहा कि जो बच्चे उनके स्कूल में पहले से पढ़ रहे हैं, उनकी टीसी अपलोड करने की जरूरत नहीं है। इस पर यूपी बोर्ड को भी उनकी बात तर्कसंगत लगी।"
उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में स्कूलों के कर्मचारियों को साइबर कैफे आदि से टीसी अपलोड कराना पड़ रहा था जिसमें समय और पैसे भी खर्च हो रहे थे। इसलिए नियमों में ढील दी गई। अब केवल उन्हीं स्टूडेंट की टीसी अपलोड करना अनिवार्य है जो किसी दूसरे स्कूल से कक्षा नौ और 11वीं में दाखिला लेते हैं।
भगवती सिंह ने कहा कि फर्जी छात्र कक्षा 9वीं और 11वीं में दाखिला ना लेने पाए, यह सुनिश्चित करने के लिए टीसी अपलोड करने का नियम लागू किया गया था। प्रयागराज के सिविल लाइंस स्थित ज्वाला देवी इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल विक्रम बहादुर सिंह परिहार ने यूपी बोर्ड के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे स्कूल के कर्मचारियों पर अनावश्यक बोझ कम होगा।
उन्होंने कहा कि संवेदनशील दस्तावेज अपलोड करने की प्रक्रिया जोखिम भरी थी। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर स्कूल के प्रिंसिपल ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए निजी साइबर कैफे का इस्तेमाल करते हैं। इस साल की शुरुआत में यूपी बोर्ड ने 2027 की हाई स्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों के एडवांस रजिस्ट्रेशन के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए थे। पहली बार स्कूलों को एसआर या टीसी की तस्वीरों के साथ एक पर्मानेंट एजुकेशन नंबर (PEN) अपलोड करने के लिए कहा गया था।
हालांकि बोर्ड ने 15 जुलाई को पीईएन की आवश्यकता को पहले ही हटा दिया था, लेकिन एसआर/टीसी फोटो अपलोड करने का प्रावधान अब तक लागू था। शिक्षकों और स्कूलों का तर्क था कि संवेदनशील दस्तावेज अपलोड करने की प्रक्रिया जोखिम भरी थी, खासकर इसलिए क्योंकि अधिकांश स्कूल प्रिंसिल ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए निजी साइबरकैफे का उपयोग करते हैं। उन्होंने बताया कि एसआर और टीसी दस्तावेज आधिकारिक और गोपनीय होते हैं। इन्हें स्कूल कैंपस के बाहर ले जाने से गंभीर सुरक्षा खतरा पैदा हो सकता है।