Open Book Exam: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (CBSE) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 2026-27 एकेडमिक सेशन से कक्षा 9वीं के छात्रों के लिए ओपन-बुक असेसमेंट सिस्टम शुरू करने का फैसला किया है। इस निर्णय के लागू होने के बाद कक्षा 9वीं के छात्र किताब खोलकर के परीक्षा दे सकेंगे। इसका उद्देश्य छात्रों को रटने की आदत से दूर करके, उनकी समझ और विश्लेषण करने की क्षमता को परखना है। इससे छात्रों में रटने की जरूरत नहीं रह जाएगी। वे योग्यता के आधार पर शिक्षा ले सकेंगे।
सूत्रों के मुताबिक, CBSE ने एकेडमिक सेशन 2026-27 से कक्षा 9वीं में ओपन-बुक असेसमेंट (OBA) लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ये निर्णय दिसंबर 2023 में शुरू हुई एक पायलट स्टडी के नतीजों के बाद लिया गया। इस स्टडी के दौरान टीचर्स और पेरेंट्स का भी समर्थन मिला। CBSE का ओपन-बुक असेसमेंट (Open Book Assessment) फॉर्मेट लैंग्वेज, मैथमेटिक्स, साइंस और सोशल साइंस जैसे मुख्य विषयों को कवर करेगा।
'इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक, ओपन-बुक असेसमेंट कक्षा 9वीं में हर टर्म के 3 पेन-पेपर परीक्षा के लिए लागू किया जाएगा। इसमें एग्जाम के दौरान किताबें और नोट्स जैसे रिसोर्सेस का इस्तेमाल करने की अनुमति होगी। यह सिस्टम रटने की आदत से हटकर योग्यता-आधारित एजुकेशन की ओर बढ़ने की आवश्यकता पर बल देता है। ओपन-बुक असेसमेंट को फ्रेमवर्क में छात्रों की केवल तथ्यों को याद करने के बजाय जानकारी की व्याख्या करने, उसे लागू करने और उसका विश्लेषण करने की क्षमता का टेस्ट करने की एक विधि के रूप में इसे लागू किया गया है।
क्या है ओपन बुक असेसमेंट?
टीचर्स ने कहा है कि ओपन बुक असेसमेंट से छात्रों को फायदा होगा। इससे बच्चों में क्रिटिकल थिंकिंग और वास्तविक जीवन से जुड़ी समझ विकसित होगी। साथ ही उनमें संदर्भ के साथ उत्तर देने की क्षमता भी बढ़ेगी। पायलट प्रोजेक्ट में इन सबकी कमी देखी गई। ये नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एजुकेशन यानी NCFSE, 2023 के अनुरूप है। यह नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 पर आधारित है।
ओपन बुक असेसमेंट (OBA) सिस्टम परीक्षा के दौरान अपनी किताबें, नोट्स या दी गई स्टडी कंटेंट देखकर एग्जाम दे सकते हैं। बाद में उनका असेसमेंट किया जाएगा। ओपन बुक एग्जाम ऐसा फॉर्मेट है जिसमें छात्रों को एग्जाम के दौरान किताबें, नोट्स या बाकी चीजों (जिनकी परमिशन हो) का इस्तेमाल करने इजाजत होती है।
छात्र उन स्टडी मटेरियल की मदद से एग्जाम दे सकते हैं। यानी बुक खोलकर परीक्षा दे सकते हं। इसमें सवालों को इस तरह डिजाइन किया जाएगा कि वे रटने के बजाय एनालिसिस, एप्लिकेशन और क्रिटिकल थिंकिंग पर आधारित हों। यानी सवालों में केस स्टडी, डेटा विश्लेषण या वास्तविक जीवन की समस्याओं का समाधान शामिल हो सकता है।
टीचर्स के मुताबिक, इस फॉर्मेट में छात्रों की समझ और नॉलेज का टेस्ट होता है। साथ ही एग्जाम में ऐसे सवाल पूछे जाते हैं जो तथ्यों को याद करने बजाय समझाने और सवालों को सॉल्व करने पर आधारित होते हैं।