Bihar elections 2025: क्या पुष्पम प्रिया चौधरी इस बार उतार पाएंगी अपना मास्क? जानिए क्या कह रहे रुझान
Bihar elections 2025: Plural Party प्रमुख पुष्पम प्रिया चौधरी ने वादा किया था कि जब तक बिहार में चुनाव नहीं जीतेंगी, तब तक मास्क नहीं उतारेंगी। दरभंगा से वह फिलहाल 95,529 वोटों से पीछे हैं। क्या इस बार भी उनका यह वादा अधूरा रह जाएगा?
पुष्पम प्रिया चौधरी दरभंगा सीट से चुनाव लड़ रही हैं और फिलहाल भारी अंतर से पीछे हैं।
Bihar elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की गिनती जारी है। इसमें बीजेपी और जेडीयू के गठबंधन को भारी बहुमत मिलता दिख रहा है। लेकिन, सबकी नजरें अब Plural Party की प्रमुख पुष्पम प्रिया चौधरी पर टिकी हैं। वजह भी खास है। उन्होंने वादा किया था कि जब तक वह बिहार में चुनाव नहीं जीततीं, तब तक अपना मास्क नहीं उतारेंगी।
लेकिन अब तक जो आंकड़े सामने आए हैं, उनसे साफ है कि उनका यह वादा अभी पूरा होता नजर नहीं आ रहा।
दरभंगा से पीछे चल रहीं पुष्पम प्रिया
पुष्पम प्रिया चौधरी दरभंगा सीट से चुनाव लड़ रही हैं और फिलहाल भारी अंतर से पीछे हैं। 2020 में यह सीट भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संजय सरावगी ने जीती थी। अब 2025 के चुनाव में, सातवें राउंड की गिनती के बाद, सरावगी को बढ़त मिली हुई है।
विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के उमेश सहनी उनसे लगभग 24,425 वोटों से पीछे हैं। वहीं, पुष्पम प्रिया करीब 95,529 वोटों के अंतर से पिछड़ रही हैं। यानी, इस बार उनका मास्क उतारना फिलहाल मुश्किल ही लग रहा है।
कौन हैं पुष्पम प्रिया चौधरी
पुष्पम प्रिया एक ऐसी नेता हैं जिन्होंने ब्रिटेन से पढ़ाई की है और बिहार की राजनीति में बदलाव लाने के लिए अपनी खुद की पार्टी Plural Party बनाई। उन्होंने यह पार्टी 2020 में लॉन्च की थी, उनका दावा है कि वह बिहार में ऐसी नई राजनीति लाना चाहती हैं, जो जाति और धर्म की सीमाओं से ऊपर उठे।
पुष्पम प्रिया अपनी पूरी तरह काले कपड़ों की ड्रेस और मास्क के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने वादा किया था कि जब तक वह चुनाव नहीं जीतेंगी, तब तक मास्क नहीं उतारेंगी। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह बिहार में शिक्षित और आधुनिक नेताओं की नई पीढ़ी लाना चाहती हैं। उनका कहना था कि उनका क्षेत्र दरभंगा 'वास्तविक विपक्ष की कमी' से जूझ रहा है।
राजनीति में मजबूत पारिवारिक पृष्ठभूमि
पुष्पम प्रिया का परिवार लंबे समय से बिहार की राजनीति से जुड़ा रहा है। उनके पिता विनोद कुमार चौधरी जेडीयू (JD-U) के पूर्व विधायक रह चुके हैं।
उनके दादा, प्रोफेसर उमाकांत चौधरी, समता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी रहे हैं। उनके चाचा विनय कुमार चौधरी, फिलहाल बेनीपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं।
शिक्षा और शुरुआती करियर
13 जून 1987 को जन्मीं पुष्पम प्रिया ने अपनी स्कूली पढ़ाई दरभंगा से की। इसके बाद उन्होंने पुणे से ग्रेजुएशन पूरा किया और फिर उच्च शिक्षा के लिए यूके चली गईं।
उन्होंने University of Sussex से Development Studies में मास्टर्स किया और London School of Economics (LSE) से Public Administration में मास्टर्स (2019) में डिग्री हासिल की। राजनीति में कदम रखने से पहले उन्होंने बिहार सरकार के पर्यटन और स्वास्थ्य विभागों में कंसल्टेंट के रूप में काम किया था।
क्या पुष्पम प्रिया जारी रखेंगी सियासी सफर?
पुष्पम प्रिया 2020 के चुनाव में भी कोई बड़ी सफलता नहीं हासिल कर पाई थीं। इस बार भी शुरुआती रुझानों के मुताबिक वह पीछे चल रही हैं। अब देखना यह होगा कि क्या वह अपने वादे के मुताबिक मास्क उतार पाएंगी, या फिर एक बार फिर हार के बाद अपनी राजनीतिक रणनीति पर नए सिरे से काम करेंगी।
उनकी कहानी बिहार की उस नई राजनीति की झलक देती है, जो बदलाव की बात तो करती है। लेकिन अभी जनसमर्थन जुटाने की लंबी राह बाकी है।